World Food Day 2020: खाने की बर्बादी कम कर मिटा सकते हैं कईयों की भूख कुछ इस तरह से
World Food Day 2020 दुनिया में एक ओर 1.3 अरब टन खाना बर्बाद हो जाता है। घर के बाहर पड़ा बचा हुआ खाना सड़ जाता है और दूर बैठा एक पक्षी भूख से मर जाता है। क्या इस खाने को हम सलीके से इन पक्षियों को नहीं खिला सकते।
हमारी संस्कृति कहती है कि हम खाने से पहले काक, स्वान, गौ के लिए कुछ अंश निकाल देते थे। लेकिन आज बहुत से लोग ऐसा तो नहीं करते। हां, खाने को बर्बाद कर बाहर फेंक देते हैं। इस 'वर्ल्ड फूड डे' पर एक नया अभियान चलाया जाए। इन बेजुबान पक्षियों को खाना परोस कर खिलाया जाए।
एक सामान्य घर में रोज औसतन इतना खाना फेंक दिया जाता है, जितने में करीब 30 पक्षियों का पेट भर सकें। आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में जितना फूड का उत्पादन होता है, उसका एक तिहाई बर्बाद हो जाता है। अगर बर्बाद खआने की कीमत के बारे में पता करें तो पूरी दुनिया में हर साल करीब 940 बिलियन डॉलर का खाना बर्बाद होता है। भारतीय करेंसी में इसकी कीमत करीब 67 लाख करोड़ रुपए होती है। अगर हम इस बर्बादी को रोक नहीं सकते तो कम से कम इसका सही उपयोग तो कर सकते हैं। भूखे पशु, पक्षियों को खिलााकर...
पक्षियों को ऐसे बुलाएं
अगर आपके घर के आस-पास पक्षी कम आते हैं, तो आप उन्हें बुलाने की व्यवस्था कर सकते हैं। माना जाता है कि पक्षी बहते पानी की आवाज से आकर्षित होते हैं। इससे वो न सिर्फ आकर्षित होते हैं, बल्कि बहते पानी में नहाने से उन्हें गर्मी से राहत मिलती है। ऐसे में एक पॉट में पानी रखकर उन्हें बुलाया जा सकता है। हां, यह बर्तन न तो ज्यादा गहरे हों और न ज्यादा उथले। डेढ़ इंच की गहराई आमतौर पर सही मानी जाती है।
पक्षियों को खाना दें
पानी के बगल में ही उनके लिए खाने का बर्तन भी रख दें। ऐसे में उन्हें खाना ढूंढने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। आप बचा हुआ खाना या फिर अच्छा फ्रेश खाना बर्तन में रख देंगे तो उन्हें सड़क पर पड़ा संक्रमित, दूषित खाना नहीं पड़ेगा।
छाया भी दें
पक्षियों की प्यास बुझाने के साथ ये भी जरूरी है कि उन्हें धूप से भी बचाया जाए। इसके लिए हम उनके लिए छायादार आश्रय-स्थल बनाकर बालकनी में या बगीचे में पेड़ों की शाखाओं पर टांग सकते हैं। पक्षियों के लिए गत्ते के घर सबसे अच्छे होते हैं। इनके लिए आप जूतों के डिब्बे आसानी से प्रयोग में ला सकते हैं। पक्षियों के लिए आश्रय-स्थल बनाते समय ध्यान रखें कि उसमें हवा आसानी से आती-जाती हो। इन्हें ऊंचाई पर टांगे, जिससे बिल्ली और दूसरे जानवरों से वो सुरक्षित रह सकें।
फेंके नहीं, सलीके से परोसे
हम अक्सर बचा हुआ खाना या तो डस्टबिन में डाल देते हैं या फिर यह सोचकर घर के बाहर फेंक देते हैं कि पशु, पक्षी इसे खा लेंगे, लेकिन सच तो यह है कि उनके पेट में जाने के पहले यह संक्रमित, दूषित और पूरी खराब भी हो चुका होता है। अगर यही खाना हम सलीके से परोसकर पक्षियों को खिला दें तो शायद हमें अपने आस-पास कानफोडू ध्वनि प्रदूषण के बीच चिड़ियों के चहचहाने की सुकून भरी आवाज सुनने को भी मिल सकता है।
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