पति-पत्नी के बीच पैसों को लेकर चल रहे मनमुटाव का ऐसे करें निपटारा
पैसा महज दोस्ती और रिश्तेदारी में ही दरार नहीं लाता बल्कि पति-पत्नी के बीच भी कई बार क्लेश का कारण बन जाता है। तो अगर आप भी इस स्थिति से जूझ रहे हैं तो जरा गौर करें यहां...
पति-पत्नी के झगड़े यूं तो कई मसलों पर होते हैं, लेकिन पैसा इसकी एक मुख्य वजह है। इस बात को कई सर्वेक्षण पुख्ता भी करते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि तलाक के अधिकतर मामलों में भी पैसे की बड़ी भूमिका है। पैसा कम हो या ज्यादा, झगड़े का सबब बन ही जाता है।
झगड़े की मुख्य वजहें
1. पैसे की कमी
खर्च आमदनी से ज्यादा हो तो झगड़ा होता है।
क्या करें- अगर मौजूदा काम में आपकी बुनियादी जरूरतें पूरी न हो रही हों तो किसी अन्य जगह काम तलाशें। संभव हो तो घर के बडे़- बुजुर्गों या माता-पिता से मदद लें। हालांकि यह मदद 'एक निश्चित समय के लिए' ही होनी चाहिए, जिससे किसी पर बोझ न बनें।
2. कर्ज या लोन
लोन या देनदारियां भी रिश्ते को प्रभावित करती हैं।
क्या करें- लोन लेते समय ध्यान रखें कि यह आपकी कुल आमदनी का चौथाई हिस्सा ही हो, जिससे घरेलू व अन्य खर्चों पर इसका असर न पड़े। याद रखें, पति-पत्नी का रिश्ता तभी मधुर रह सकता है, जब उनका मन रूपए-पैसों की झंझटों से थोड़ा मुक्त हो।
3. समझौते से इंकार
अपने पैसे को ज्यादा महत्व देना और पार्टनर की पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना।
क्या करें- शादी की सफलता के लिए दोनों को प्रयास करना चाहिए। पति-पत्नी का हर फैसला संयुक्त होना चाहिए। इसी तरह जिम्मेदारियां भी मिलकर निभानी चाहिए। अगर पैसों से जुड़ी पार्टनर की कोई समस्या है और दूसरा अपने खर्च सीमित करने को तैयार न हो तो झगड़ा होगा। वैवाहिक जीवन की शांति के लिए त्याग व समझौता अनिवार्य है।
4. आक्रामक रवैया
शादीशुदा दंपती में कोई एक बहुत हिसाब-किताब रखने वाला हो और दूसरे से हर खर्च का ब्यौरा चाहे।
क्या करें- सुखी भविष्य के लिए बचत जरूरी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पार्टनर से पाई-पाई का हिसाब मांगें। जिंदगी में छोटी-छोटी खुशियां भी जरूरी हैं। पैसे को लेकर आक्रामक रवैया खतरनाक हो सकता है। रिश्ते में थोड़ा स्पेस तो जरूरी है।