निश्चित मात्रा में इन ड्रिंक्स का कभी-कभी सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज़ से लाभकारी होता है रहता है।
हर आम व खास अवसर पर हार्ड ड्रिंक्स सर्व किया जाना अब सामान्य बात है। हालांकि, फिटनेस को लेकर जागरूक लोग ड्रिंक्स के मामले में भी बहुत सजगता बरतते हैं और कैलरी काउंट किए बगैर उनका सेवन नहीं करते।
हर आम व खास अवसर पर हार्ड ड्रिंक्स सर्व किया जाना अब सामान्य बात है। हालांकि, फिटनेस को लेकर जागरूक लोग ड्रिंक्स के मामले में भी बहुत सजगता बरतते हैं और कैलरी काउंट किए बगैर उनका सेवन नहीं करते।
हार्ड ड्रिंक्स को लेकर सबके मन में अलग-अलग भ्रांतियां होती हैं। उनके बारे में खुल कर कोई बात नहीं करता पर जानने के इच्छुक लगभग सब होते हैं। विभिन्न वरायटी में उपलब्ध इन ड्रिंक्स को कंज़्यूम करने के तरीके भी अलग होते हैं। जानते हैं उनके बारे में।
बियर
ज़्यादातर लोग इसी ड्रिंक का सेवन करते हैं। इसमें अल्ट्रा लाइट, लाइट और स्ट्रॉन्ग की वरायटी होती है। कई रिसर्च में सामने आया है कि इसे पीने से किडनी में स्टोन होने की आशंका न के बराबर रहती है। हेयर केयर प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एल्कोहॉल की मात्रा लगभग 4-6 प्रतिशत तक होती है।
कैलरीज़ : अलग-अलग कंपनी और प्रकार की बियर में कैलरी की मात्रा 100-160 की रेंज के बीच होती है।
मिक्स ड्रिंक : इस ड्रिंक को किसी और लिक्विड के साथ मिक्स करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
वोडका
इसे स्त्रियों की ड्रिंक भी कहा जाता है। अलग-अलग फ्रूट जूस के साथ मिलाकर इनसे कई तरह की कॉकटेल्स भी बनाई जा सकती हैं। बियर की तरह इसके भी कई सौंदर्य लाभ हैं। युवतियों में वोडका स्पा और वोडका फेशियल बहुत लोकप्रिय है। इसमें एल्कोहॉल की मात्रा लगभग 30-40 प्रतिशत होती है। इसमें ग्रीन एपल, कॉफी, जिंजर, चॉकलेट आदि फ्लेवर्स आते हैं। इसके टकीला शॉट्स को नींबू और नमक के साथ लिया जाता है।
कैलरीज़ : अलग-अलग फ्रूट जूस के हिसाब से कैलरीज़ घटती-बढ़ती हैं।
मिक्स ड्रिंक : ऑरेंज जूस, क्रैनबेरी जूस, टमैटो जूस आदि।
वाइन
हाई क्लास ड्रिंक की श्रेणी में शामिल यह ड्रिंक दो वरायटी में उपलब्ध होती है, रेड और व्हाइट वाइन। इसका सेवन क्रिसमस के मौके पर ज़रूर किया जाता है। इसमें एल्कोहॉल की मात्रा लगभग 12-15 प्रतिशत होती है।
कैलरीज़ : 120 मिली. में लगभग 80-100। दोनों में कैलरी की मात्रा अलग होती है।
मिक्स ड्रिंक : इसमें कुछ भी मिलाने की ज़रूरत नहीं होती है। इसे नीट लिया जाता है।
इन ड्रिंक्स के अलावा व्हिस्की और रम जैसी हार्ड ड्रिंक्स भी आती हैं। दिसंबर के महीने में मार्केट रम केक से भरे रहते हैं।
ध्यान रखें कि सबके शरीर की अपनी क्षमता होती है, उसी के अनुरूप एक निश्चित मात्रा में इन ड्रिंक्स का कभी-कभी सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज़ से उपयुक्त रहता है।
दीपाली पोरवाल
द एंशियंट बार्बेक्यू गुरुग्राम के रीजनल शेफ सोनू नेगी से बातचीत पर आधारित