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होम लोन लेने से पहले ज़रूर पढ़ें यह लेख

महंगाई के इस दौर में आम नौकरीपेशा वर्ग के लिए प्रॉपर्टी ख्ररीदना बेहद मुश्किल कार्य है। इसीलिए होम लोन पर लोगों की निर्भरता बढ़ती जा रही है। अगर आप भी ऐसी ही योजना बना रहे हैं तो ज़रूर पढ़ें यह लेख।

By Sakhi UserEdited By: Published: Wed, 06 Sep 2017 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 12:58 PM (IST)
होम लोन लेने से पहले ज़रूर पढ़ें यह लेख
होम लोन लेने से पहले ज़रूर पढ़ें यह लेख

महंगाई के इस दौर में आम नौकरीपेशा वर्ग के लिए प्रॉपर्टी ख्ररीदना बेहद मुश्किल कार्य है। इसीलिए होम लोन पर लोगों की निर्भरता बढ़ती जा रही है। अगर आप भी ऐसी ही योजना बना रहे हैं तो ज़रूर पढ़ें यह लेख।   
अगर आप नया फ्लैट या मकान खरीदने के लिए होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो निर्णय लेने की जल्दबाज़ी न करें। लोन के लिए आवेदन करने से पहले इससे जुड़ी कुछ बारी‍कियों को समझना ज़रूरी है। अन्यथा इससे फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है। यहां सेबी द्वारा रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार आर.के. पोपली बता रहे है कि होम लोन लेते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 
क्या है एमसीएलआर
मार्जिनल कॉस्ट-बेस्ड लीडिंग रेट यानी एमसीएलआर, होम लोन के संदर्भ में आपने भी इस शब्द का जि़क्र ज़रूर सुना होगा। दरअसल यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नई बेंच मार्क दर है, जिसे पिछले साल अप्रैल में लागू किया गया था। इसका फायदा केवल उन्हीं ग्राहकों को मिलता है, जो होम लोन लेते समय फ्लोटिंग रेट वाली ब्याज का चुनाव करते हैं। अब सभी बैंक इसी के आधार पर होम लोन की ब्याज दरें तय करने लगे हैं। इसके तहत छह माह से एक साल के भीतर होम लोन की ब्याज दरों में बदलाव का विकल्प मौज़ूद है। अगर आपने छह माह में ब्याज दरें बदलने का विकल्प चुना है तो इसमें आपको फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है। इसी तरह अगर आप एक साल में ब्याज दरों के बदलाव का विकल्प चुनते हैं तो उसका फायदा लेने के लिए आपको साल भर तक इंतज़ार करना पड़ेगा। एमसीएलआर श्रेणी वाले होम लोन में अपना लोन किसी दूसरे बैंक में स्विच करने का विकल्प मौज़ूद होता है। अगर होम लोन लेने के बाद आपको ऐसा महसूस होता है कि मौज़ूदा बैंक से लिया गया लोन महंगा पड़ रहा है तो सस्ते दर पर लोन देने वाले बैंक में अपना होम लोन स्विच कर सकते हैं लेकिन ऐसा करने से पहले होम लोन की अवधि, ब्याज दरों मेंअंतर से होने वाली बचत और प्रोसेसिंग शुल्क का आकलन ज़रूर करें क्योंकि सभी बैंकों की दरों में मामूली अंतर ज़रूर होता है। चूंकि होम लोन की रकम बहुत ज्य़ादा होती है। ऐसे में 1 त्न के फर्क से भी अच्छी-खासी बचत हो जाती है। अगर आपने 20 साल के लिए  25 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो ब्याज दर में 0.5 त्न की कमी होने पर भी  इन बीस वर्षो की अवधि में आपको अपने होम लोन पर लगभग 1 लाख 94 हज़ार रुपये   बचत होगी। ऐसे में अगर आपकी थोड़ी रकम प्रोसेसिंग शुल्क में भी खर्च होती है, तब भी यह घाटे का सौदा नहीं है।  
दुरुस्त रखें क्रेडिट स्कोर 
अगर आप निकट भविष्य में होम लोन लेना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड के बिल, शॉपिंग या किसी अन्य लोन की ईएमआई की किस्तों का भुगतान या बीमा कंपनी जैसी अन्य वित्तीय संस्थाओं से जुड़ी सभी देनदारियों का भुगतान बिलकुल सही समय पर करें। इससे आपको अपना क्रेडिट स्कोर सुधारने में मदद मिलेगी। आजकल बैंक इसी के आधार पर लोन देने का फैसला करते हैं। अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा हो तो बैंक आसान शर्तों पर लोन देने को तैयार होते हैं और ब्याज दरों में थोड़ी रियायत भी दे सकते हैं। आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो लोन लेते समय बैंक से मोल-भाव ज़रूर करें। इससे आपको बैंक की प्रोसेसिंग फीस में छूट मिल सकती है।
दूसरी ओर बिल्डर भी वैसे ग्राहकों को प्राथमिकता देते हैं, जो शीघ्र भुगतान करने में समर्थ हों। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को बैंक प्री अप्रूव्ड लोन भी देते हैं। ऐसी स्थिति में आप बिल्डर से अच्छी तरह बार्गेनिंग कर सकते हैं क्योंकि उसे यह मालूम होता है कि इस ग्राहक के लोन में कोई रुकावट नहीं है और यह तुरंत फ्लैट ख्ररीद सकता है। इसीलिए कोई भी बिल्डर ऐसे ग्राहकों को थोड़ी छूट देने के लिए आसानी से तैयार हो जाता है। इससे आपको थोड़ी कम कीमत में ही फ्लैट मिल जाएगा।       
उठाएं लोन स्विच का लाभ
होम लोन लेते समय फ्लोटिंग रेट वाली ब्याज दरों का चुनाव करें क्योंकि इससे आपके पास  किसी दूसरे बैंक में स्विच करने का विकल्प खुला रहेगा। इस सुविधा के तहत अगर आपको अपने मौज़ूदा बैंक की ब्याज दरें ज्य़ादा लगती हैं तो आप उसे छोड़ कर अपने लोन का ट्रांस्फर किसी ऐसे बैंक में करवा सकते हैं, जहां की ब्याज दरें तुलनात्मक रूप से थोड़ी कम हों। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों का जागरूक होना बहुत ज़रूरी है। आमतौर पर लोग 20 साल के लिए होम लोन लेते हैं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि अगर आपके लोन की अवधि 10 साल से भी ज्य़ादा हो तो ऐसी स्थिति में होम लोन स्विच करने पर थोड़ा फायदा मिल सकता है लेकिन जब लोन चुकता होने में केवल दो-चार साल ही बचे हों तो उसमें कोई बदलाव नहीं करना चाहिए क्योंकि लोन स्विच करने पर बैंक ग्राहकों से प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। यह बात हमेशा याद रखें कि बैंक में बदलाव से जितनी बचत होगी, उससे कहीं ज्य़ादा रकम प्रोसेसिंग फीस में ही खर्च हो जाएगी।  साथ ही लोन स्विच करने से पहले अपने बैंक के साथ दूसरे बैकों की ब्याज दरों की तुलना ज़रूर करें और जहां की ब्याज दर सबसे कम हो, उसी बैंक में अपना होम लोन स्विच कर लें पर इस दौरान बैंकों की प्रोसेसिंग फीस का भी ध्यान रखें।    
अगर इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो आप पूरी तरह तनावमुक्त होकर होम लोन का पूरा $फायदा उठा सकते हैं।

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