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Rabi-Ul-Awwal 2020 Wishes: इन मैसेज के ज़रिए दें अपने दोस्तो और रिश्तेदारों को रबी-उल-अव्वल की मुबारकबाद

Rabi-Ul-Awwal 2020 Wishes रबी उल अव्वल का नाम इस तरह से रखा गया है क्योंकि पैगंबर मोहम्मद का जन्म (मिलाद उन नबी) होने से पहले लोग अज्ञानता और अंधेरे में जी रहे थे। वे विभिन्न देवताओं की पूजा करते थे।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 01:24 PM (IST)
Rabi-Ul-Awwal 2020 Wishes: इन मैसेज के ज़रिए दें अपने दोस्तो और रिश्तेदारों को रबी-उल-अव्वल की मुबारकबाद
अंग्रेज़ी में रबी उल अव्वल का मतलब हुआ 'द फर्स्ट स्प्रिंग'।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Rabi-Ul-Awwal 2020 Wishes: अरबी में, "रबी" शब्द का अर्थ वसंत होता है जबकि "अल अवल" का अर्थ है पहला। इसलिए अंग्रेज़ी में रबी उल अव्वल का मतलब हुआ 'द फर्स्ट स्प्रिंग'। इस्लामिक कैलेंडर यानी हिजरी कैलेंडर चांद पर आधारित होता है और रबी-उल-अव्वल साल का तीसरा महीना होता है। ये दिन वसंत के वास्तविक मौसम का प्रतीक नहीं है, बल्कि जीवन में बहार या खुशी का प्रतीक है।  

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क्यों मनाया जाता है ये दिन

रबी उल अव्वल का नाम इस तरह से रखा गया है क्योंकि पैगंबर मोहम्मद का जन्म (मिलाद उन नबी) होने से पहले, लोग अज्ञानता और अंधेरे में जी रहे थे।  वे विभिन्न देवताओं की पूजा करते थे। वे अल्लाह के मार्ग से भटक रहे थे। जैसे ही पैगंबर का जन्म हुआ, वह अपने साथ सत्य का संदेश, अल्लाह का संदेश लेकर आए। इस संदेश ने लोगों को आत्मज्ञान के मार्ग की ओर अग्रसर किया, जिससे उन्हें सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद मिली।

रबी-उल अव्वल का चांद मुबारक हो।

जश्न-ए-ईद मिलाद-उन-नबी मुबारक हो,

रबी-उल-अव्वल का चांद मुबारक हो!

कैसे मनाया जाता है रबी-उल-अव्वल

इस दिन पवित्र पैगंबर की शिक्षाओं और हदीस के बारे में बताया जाता है। दुनिया भर के मुसलमान 12वीं रबी उल अव्वल पर मिलाद शरीफ का आयोजन करते हैं, ताकि पैगंबर साहब को प्यार और श्रद्धांजलि दी जा सके। इस मौके पर 12वीं रबी उल अव्वल की मुबारकबाद मैसमज या व्हाट्सऐप के ज़रिए भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को दी जाती है। आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को रबी उल-अव्वल की मुबारक बाद भेजना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेजेस उनसे शेयर करें।

माह-ए-रबी-उल अव्वल शरीफ मुबारक

कैसे हुई शुरुआत

इसकी शुरुआत पैगंबर मुहम्मद के हिजरत के बाद मदीना से हुई। इस्लामिक कैलेंडर का हर महीना चांद से शुरू होता है। जैसे ही चांद दिखता है, वैसे ही नया महीना शुरू हो जाता है। यानी हर महीना एक नए चंद्र चक्र के साथ शुरू होता है।


रहमतों की है ये रात

नमाज़ों का रखिएगा साथ

मनवा लीजिए रब से हर बात

दुआओं मे रखिएगा हमको याद

मुबारक हो आप रबी-उल-अव्वल की ये रात

दुनिया की हर फिज़ा में है उजाला रसूल का

ये सारी क़ायनात है सदका रसूल का

खुशबू ग़ुलाब है पसीना रसूल का

आप को भी हो मुबारक महिना रसूल का

माह-ए-रबी-उल अव्वल मुबारक!

इस्लाम में इस दिन का महत्व

पैगंबर मुहम्मद पूर्णता का प्रतीक हैं। इस्लाम समुदाय के लोग एक आदर्श जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए उनकी सुन्नत का पालन करते हैं, जो न केवल धर्म द्वारा परिभाषित किया गया है, बल्कि वास्तव में सभी मानव जाति के लिए फायदेमंद है।

रबी उल अव्वल का महीना इस्लाम में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि मुसलमान समुदाय का मानना ​​है कि पवित्र पैगंबर का जन्म भी इसी महीने में हुआ था, हालांकि वास्तविक तारीख पर कोई आम सहमति नहीं है।  मुसलमान अक्सर इसे रबी उल अव्वल के 12वें दिन मनाते हैं, जिसे अक्सर ईद मिलाद उन नबी के नाम से जाना जाता है। पैगंबर का जन्म पूरे विश्व में मुसलमानों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। बहुत सारे मुसलमान पैगंबर की याद में पूरे महीने मिलाद रखते हैं। 


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