पेरेंट्स ने बना दी जोड़ी: अनिरुद्ध दवे और शुभी आहूजा
शो बंधन के को-स्टार्स अनिरुद्ध और शुभी ने जब शादी की तो टीवी इंडस्ट्री चौंक गई। खूब सारे ट्रेडिशनल रस्म-ओ-रिवाजों के साथ इनकी शादी जयपुर में हुई थी
कहते हैं, जोडिय़ां आसमानों में तय होती हैं लेकिन धरती पर ये कैसे मिलती हैं, यह जानना हमेशा दिलचस्प होता है। अनिरुद्ध दवे और शुभी
आहूजा एक सीरियल में साथ काम कर रहे थे। दोनों अपने करियर में व्यस्त थे, उन्हें पता ही नहीं चला कि टीवी पर उन्हें साथ देखकर उनके घरवाले सच में उन्हें एक करने की प्लैनिंग कर रहे थे। पेरेंट्स की पसंद कैसे उनकी चाहत बनी और रील लाइफ की यह जोड़ी कैसे रीअल लाइफ की जोड़ी बन गई, बता रहे हैं खुद अनिरुद्ध और शुभी।
पहली मुलाकात
शुभी : हमारी पहली मुलाकात गुजरात के उमरगांव में एक शूट के दौरान हुई थी। अनिरुद्ध : पहली ही मुलाकात में शुभी ने मुझे थप्पड़ मारा था और कहा था कि वह मुझसे शादी करने के बजाय अकेले रहना पसंद करेंगी लेकिन अब देख लीजिए। दरअसल, यह 'बंधन धारावाहिक के लिए किया गया हमारा पहला सीन था।
और मोहब्बत हो गई
अनिरुद्ध : इस शूट के दौरान हम बिलकुल प्रोफेशनल थे। साथ काम कर रहे थे लेकिन उस तरह से बातचीत नहीं थी, जब हम मुंबई लौटे तो हमारे साथी कलाकारों ने एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया। इसी ग्रुप के जरिये हमारी बातचीत शुरू हुई।
शुभी : इसके बाद हम पहली बार एक कॉफी शॉप में मिले थे। इसके बाद बातें आगे बढ़ीं।
अनिरुद्ध : हालांकि पहली ही मुलाकात में शुभी ने साफ कर दिया था कि वह बेवजह की दोस्ती में विश्वास नहीं करती हैं।
ऑफिशियल प्रपोज़
अनिरुद्ध : हमारी मुलाकात बहुत पुरानी नहीं थी। शादी के बारे में हम कुछ सोचते, उससे पहले ही हमारे पेरेंट्स इसमें इन्वॉल्व हो गए। हमें कुछ ज्य़ादा करने की जरूरत नहींपड़ी।
शुभी : दरअसल हम दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं। हमारे पेरेंट्स शिक्षा विभाग में काम करते हैं। वे एक-दूसरे को पहले से जानते थे। यह उनका ही प्लैन था कि हम दोनों शादी के बंधन में बंध जाएं।
भा गई वह अदा
अनिरुद्ध : शुभी बेबाक हैं, वह बिना लाग-लपेट के अपनी बातें रखती हैं। मैं भी ऐसा ही हूं, उनकी यही बात मुझे बेहद अच्छी लगती है।
शुभी : ये जो बोलते हैं, वही करते हैं। बहुत ही ईमानदार हैं और रिश्तों के प्रति समर्पित। एक रिश्ते में एक-दूसरे का सम्मान बेहद जरूरी है, जिसे अनिरुद्ध अच्छे से समझते हैं।
बदल जाए वो आदत
अनिरुद्ध : शुभी की एक आदत है कि वह किसी बात को समझे बिना अपनी राय बना लेती हैं। हालांकि बाद में समझाने पर समझ भी जाती हैं लेकिन उन्हें इस आदत को सुधारने की जरूरत है।
शुभी : कुछ खराब आदतें हर लड़के में होती हैं। समय के साथ आप समझ जाते हैं कि इनको किसी भी तरह सुधारा नहीं जा सकता। इसके लिए आप को ही एडजस्ट करना सीखना होता है।
अच्छा सरप्राइज़
शुभी : अनिरुद्ध सरप्राइज देने में माहिर हैं। अनिरुद्ध ने हनीमून का जो सरप्राइज मुझे दिया, वह मैं कभी भूल नहींपाऊंगी। हम हनीमून पर मालदीव गए थे। वहां की खूबसूरती ने मेरा दिल लूट लिया। अनिरुद्ध मुझे खूब घुमाते हैं। एक बार सरप्राइज देने के लिए अनिरुद्ध मुझे दुबई ले गए थे। उनके इस तरह के सरप्राइज मुझे अच्छे लगते हैं। इस मामले में मैं अनिरुद्ध के लिए
ज्य़ादा कुछ नहींकर पाती। बस उन्हें सरप्राइज करने के लिए कभी-कभी उनकी पसंद का खाना बना देती हूं।
अनिरुद्ध : मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखता हूं कि काम की वजह से अगर मैं शुभी को समय नहींदे पा रहा हूं तो उन्हें कहीं बाहर ले जाऊं। भले ही थोड़े दिन का ही वेकेशन हो लेकिन वहां मेरा पूरा समय सिर्फ उन्हीं का हो। यही नहीं, हाल ही में उन्हें सरप्राइज करने के लिए मैंने मुई नाम का एक पपी भी गिफ्ट किया है, जिसे पाकर शुभी बेहद खुश हैं।
शादी की सफलता
शुभी : मेरे लिए शादी को चलाने के लिए जो दो बातें महत्वपूर्ण हैं, वे हैं- ट्रस्ट और टाइम। अगर रिश्ते में विश्वास नहींहै और आप एक- दूसरे को समय नहींदे पा रहे हैं तो परेशानियां शुरू हो जाती हैं। हमारी शादी के शुरुआती दिनों में जब अनिरुद्ध काम में बिजी रहते थे तो मुझे बेहद परेशानी होती थी। हालांकि समय के साथ हम एडजस्ट करना सीख गए हैं। अनिरुद्ध : नोक-झोंक हर रिश्ते में होती है। यह रिश्ते के लिए अच्छी चीज भी है लेकिन यह गंभीर झगड़े में न बदले, यह दोनों की आपसी समझदारी पर निर्भर करता है। झगड़े को खत्म करने के लिए कोई भी पहल कर सकता है। रिश्ते चलाने के लिए झुकने में कोई बुराई नहींहै। अगर इसमें अहं आड़े आ जाए तो शादी क्या, कोई भी रिश्ता नहींचल सकता है।
प्रस्तुति: संगीता सिंह