राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी कृति ‘रश्मिरथी’ का ऑनलाइन नाट्य मंचन
‘रश्मिरथी’ हिंदी साहित्य की महान और कालजयी कृति है जिसे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने रची है। इसमें उन्होंने महाभारत के उस प्रसंग का शब्द चित्र खींचा है जिसमें भगवान कृष्ण दुर्योधन को भूल सुधारने और युद्ध को टालने का मौका देते हैं।
‘रश्मिरथी’ हिंदी साहित्य की महान और कालजयी कृति है, जिसे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने रची है। इसमें उन्होंने महाभारत के उस प्रसंग का शब्द चित्र खींचा है, जिसमें भगवान कृष्ण दुर्योधन को भूल सुधारने और युद्ध को टालने का मौका देते हैं। वह दुर्योधन के सामने प्रस्ताव रखते हैं कि पाड़वों को आधा राज्य नहीं देना चाहते तो कोई बात नहीं, कम से कम पांच गांव उन्हें दे दो, युद्ध टल जाएगा। लेकिन दुर्योधन ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। और उसकी बुद्धि ऐसी भ्रष्ट हुई कि उसने भगवान श्री कृष्ण को जंजीरों में बांधने का आदेश किया। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। तब दुर्योधन भी इसी मनोदशा से गुजर रहा था। उसके इस कृत्य से कौरवों का सर्वनाश निश्चित हो गया। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 112वीं जयंती के पावन अवसर पर दिनांक-23-09-2020 को इसी कालजयी कृति ‘रश्मिरथी’ का ऑनलाइन नाट्य मंचन होने जा रहा है, जिसका लाइव प्रसारण जागरण डिजीटल द्वारा सायं 6:00 बजे से रात्रि 8:45 बजे तक किया जाएगा।
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