Move to Jagran APP

आपको डर से नहीं अब से डर का आपसे ‘डरना’ है जरूरी!

डर सबको लगता है पर डरने के पीछे की असली वजह कोई नहीं जानता। हम आपको बता रहे हैं ऐसी बातें जिसे जानने के बाद आप डरना भूल जाएंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 14 Jun 2016 03:08 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 11:39 AM (IST)
आपको डर से नहीं अब से डर का आपसे ‘डरना’ है जरूरी!
आपको डर से नहीं अब से डर का आपसे ‘डरना’ है जरूरी!

हमारे जहन में बचपन से भूतो का डर पैदा हो जाता है। चाहे वो डरावनी कहानियों से पैदा हो या फिर भूतियाना फिल्मों से, इसी कारण अंधेरा हमारा सबसे बड़ा डर बनने लगता है।इसके अलावा सुनसान रास्ते में चलने का डर, रात को अकेले सोने का डर और भी कई तरह के बेवजह के डर को हम अपनी जिंदगी में उतार लाते हैं।आज हम आपको कुछ ऐसे ही तथ्य देंगे जिसके बाद आपको भूत क्या, कभी किसी का डर नहीं रहेगा।

loksabha election banner

नींद में किसी के होने का एहसास होना

आपमें से कितने ऐसे लोग होंगे जिसने सोने के बाद किसी को अपने आस-पास होने का एहसास किया होगा। इस अहसास के बाद अक्सर लोगों को डर की वजह से नींद ना आने की परेशानी होने लगती है। दरअसल होता कुछ यूं है कि जब आप सोते हैं तो कई बार आपका दिमाग आपको Paralysis की स्थिती में पहुंचा देता है। ऐसी स्थिती में आपका दिमाग खुद ही एक तस्वीर तैयार करता है और उसे हम भूत समझ लेते हैं।

यह भी पढ़ें- जब महंगे स्मार्टफोन्स की टूटे स्क्रीन ,तो मुफ्त में होगी कमी दूर

जगहों का ज़्यादा ठंड़ा होना

कहा जाता है कि भूत जहां होते हैं वह जगह ज़्यादा ठंडी होती है। दरअसल ऐसा कुछ नहीं होता है। ये सिर्फ़ उस जगह पर गर्म हवा के दबाव से ठंडी हवा का दवाब कम होना होता है, जिसके कारण उस जगह पर नमी होती है और वो जगह ज़्यादा ठंडी होती है।

सुनसान रास्ते पर चलने से डर लगना

हम किसी और चीज से नहीं सिर्फ़ अपने दिमाग डरते हैं। सुनसान रास्तों पर जब हम अकेले जा रहे होते हैं तो हम डरावनी बातें याद करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में डर लगना लाजमी है। लेकिन अगर हम कुछ और सोचने लगें तो ये डर खुद-ब-खुद गायब हो जाता है। तो अगली बार जब आप ऐसे सुनसान रास्ते से गुजरे तो अपने दिमाग पर कंट्रोल रखें।

डरावना देखना और आवाज़ें सुनना

ये भी आपके ज़्यादा डरावनी फ़िल्मों को देखने का नतीजा है। हमारा दिमाग कई बार ऐसा कुछ करता है जो उसने पहले कभी देखा या सुना हो। जिससे आंखे खुद एक तस्वीर तैयार करती हैं और आपको भूत देखने का एहसास होता है।

सफ़ेद कपड़ों में किसी आकृति को देखना

कुछ लोग भूत देखने के दावे करते हैं. उनके मुताबिक भूत ने सफ़ेद रंग के कपड़े पहने होते हैं. दरअसल ऐसी आकृति भी हमारा दिमाग बनाता है। हमारी आंखों ने भूत को कभी भी सामने से नहीं देखा होता। ये हमारी आंखों का धोखा होता है जो हमारा दिमाग खुद तैयार करता है।

यह भी पढ़ें- ऐसे करें पहचान,आप झूठ सुन रहे हैं या सच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.