Sarojini Nagar Market: दिल्ली-एनसीआर की सबसे सस्ती मार्केट, जहां पर मिलता है जरूरत का हर सामान
Sarojini Nagar Market सरोजनी नगर मार्केट देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है क्योंकि इसके आसपास के इलाकों में कई देशों के दूतावास हैं। वहां काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी भी यहां घूमने और शापिंग के लिए आते हैं।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोई दिल्ली घूमने आए और सरोजनी न जाए, ऐसा कम ही लगता है। बालीवुड का फैशन मुंबई पहुंचने से पहले यहां उसकी कापी आ जाती है, वह भी बहुत की कम दाम में। जेब में पैसे हैं तो ब्रांडेड सामान के लिए बड़े-बड़े शोरूम हैं। और जेब तंग है तो भी चिंता की कोई बात नहीं।
कपड़ों के मामले में महिलाओं की खास पसंद वाले इस मार्केट को अब दिल्ली सरकार ने और संवारने का फैसला किया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे। यहां बड़े शोरूम के साथ ही छोटी व फुटपाथ की दुकानों की भी कमी नहीं है। इसलिए इसे हर आय, हर आयु वर्ग की और हर जेब को सुहाने वाली मार्केट कह सकते हैं।
फैशन का कोई ट्रेंड हो, सबसे पहले उसके कदम इसी बाजार में पड़ते हैं। वर्ष 1952 में जब इस बाजार की नींव पड़ी थी तो इस जगह का नाम विनय नगर था। मार्केट पूरी तरह से स्थापित होने के बाद इसका नाम बदलकर सरोजनी नगर कर दिया गया। इंटरनेट पर इसे दोनों नामों से सर्च किया जा सकता है।
ऐसे बढ़ी शोहरत
बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए वर्ष 1952 में उन्हें 200 दुकानें आवंटित की गई थीं। इनमें नीचे दुकान व ऊपर मकान थे। तब इसे विनय नगर मार्केट के नाम से जाना जाता था। इसके आसपास केंद्र सरकार के हजारों स्टाफ क्वार्टर थे। इनमें विभिन्न राज्यों के लोग रहते थे। तब यही लोग इस बाजार के प्रमुख ग्राहक थे। इनके गांव-घर से आने वाले रिश्तेदार भी यहां खूब शाङ्क्षपग करते थे। इसके दो कारण थे। पहला- उस दौर में छोटे शहरों में माल या ऐसे शाङ्क्षपग सेंटर नहीं होते थे। दूसरा- इस बाजार में एक ही जगह पर देश-दुनिया का फैशनेबल कपड़ा मिल जाता था। इस तरह मार्केट दूर-दूर तक मशहूर होती गई। शोहरत के साथ ही मार्केट में दुकानों की संख्या भी बढ़ती गई। आज यहां कुल 800 दुकानें हैं। इनमें कपड़े, फुटवियर, लहंगा, साड़ी, सूट, जींस, टाप, सब्जी फल, पूजा सामग्री, किराना से लेकर पूजा सामग्री तक की दुकानें शामिल हैं।
शादी के लिए हर सामान मिलता है
इस मार्केट में कपड़े के साथ ही दैनिक जरूरत की हर चीज मिलती हैं। खाने-पीने के लिए स्ट्रीट फूड स्टाल के अलावा बड़े रेस्त्रां चेन भी हैं जहां पिज्जा, बर्गर से लेकर वेज-नानवेज सभी डिशेज मिलती हैं। पास में ही नौरोजी नगर मार्केट में मशहूर खानदानी पकौड़े, चुर-चुर नान, अमृतसरी नान व मोमो, भल्ला पापड़ी आदि मिलता है। शादी के लिए शाङ्क्षपग करने वालों की यह मार्केट पहली पसंद है क्योंकि एक ही मार्केट में शादी का पूरा सामान मिल जाता है। श्रीराम स्टोर में जहां पूजा सामग्री व पंसारी का सारा सामान मिल जाता है। वहीं, गुप्ता चक्की में किराने का सारा सामान मिलता है। हालांकि यह मार्केट सबसे ज्यादा फैशन के लिए जानी जाती है।
ऐसा बाजार जिसमें 21 रास्ते
सरोजनी नगर मार्केट जाने के लिए चारों ओर से कुल 21 रास्ते हैं। सबसे ज्यादा सात रास्ते ङ्क्षरग रोड से हैं। ब्रिगेडियर होशियार ङ्क्षसह मार्ग से पांच रास्ते, विनायक मंदिर मार्ग से पांच रास्ते और सरोजनी नगर डिपो के सामने से चार रास्ते हैं। रास्तों के नाम भी लोगों को आकर्षित करते हैं। फस्र्ट क्रास रोड से लेकर सिक्स्थ क्रास रोड तक अंदरूनी रास्ते हैं। कालोनी के पुराने फ्लैटों को तोड़कर यहां केंद्र सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए हजारों नए फ्लैट्स बनाए जा रहे हैं। इनके बन जाने के बाद मार्केट में ग्राहकों की संख्या जाहिर और बढ़ेगी।
रिटायर हो गए लेकिन मार्केट यही पसंद है
लक्ष्य हैंडलूम के मालिक ने बताया कि बालीवुड का फैशन दिल्ली में सबसे पहले इसी मार्केट में पहुंचता है। इसलिए यहां से यू-ट्यूबर्स व इंटरनेट मीडिया में वीडियो बनाने वाले लेटेस्ट फैशन के कपड़े व जूते ले जाते हैं। सरोजनी के कपड़े पहनकर जाती मैडम डिस्को....गाना भी इंटरनेट मीडिया में खूब चला। ग्राहक अंबर ने बताया कि वह करीब 25 साल से इस मार्केट से खरीदारी करते हैं। सस्ते कपड़े के साथ ही यहां घरेलू जरूरत का अन्य सामान भी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के बाद अब वह सरोजनी नगर से नोएडा शिफ्ट हो गए हैं लेकिन शॉपिंग करने यहीं आते हैं।
ऐसे संवरेगी मार्केट
- रंगीन टाइल्स लगवाई जाएंगी
- बिजली के तारों का जाल हटाकर इसे व्यवस्थित किया जाएगा
- महिलाओं के लिए बेहतर शौचालय बनेंगे
- 50 नए सीवीटीवी कैमरे लगेंगे
- बैठने के लिए नई बेंच लगवाई जाएंगी
कोरोना के दौरान डिस्टर्ब रहा था बाजार
अशोक रंधावा (अध्यक्ष, सरोजनी नगर मिनी मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन) 29 अक्टूबर 2005 को मार्केट में आतंकी हमला हुआ था जिसमें 50 लोग मारे गए थे और 127 लोग घायल हुए थे। वहीं, कोरोना के दौरान काफी समय तक बाजार डिस्टर्ब रहा। यह हमारे ग्राहकों का प्यार ही है कि इतनी बड़ी-बड़ी मुसीबतों के बावजूद यहां के कारोबारियों ने हिम्मत नहीं हारी और मार्केट को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।
सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है मार्केट की सुरक्षा
ओमदत्त शर्मा (अध्यक्ष, वालेंटियर इन पुलिस सर्विसेज (वीपीएस), सरोजनी नगर मार्केट) के मुताबिक, पुलिस व दुकानदारों के सहयोग से मार्केट की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। इस मार्केट में देश-दुनिया से ग्राहक आते हैं इसलिए सभी दुकानदारों की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम मार्केट की गुणवत्ता से लेकर ग्राहकों की सुविधा का पूरा ध्यान रखें। वीपीएस के वालेंटियर मार्केट की सुरक्षा में अहम योगदान निभा रहे हैं।