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National Science Day 2020: मिलिए देश की उन 5 महिला वैज्ञानिकों से, जिन्होंने दुनिया में लहराया परचम

National Science Day 2020 आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन हम आपको कुछ ऐसी महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 12:55 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 12:57 PM (IST)
National Science Day 2020: मिलिए देश की उन 5 महिला वैज्ञानिकों से, जिन्होंने दुनिया में लहराया परचम
National Science Day 2020: मिलिए देश की उन 5 महिला वैज्ञानिकों से, जिन्होंने दुनिया में लहराया परचम

National Science Day 2020: आज विज्ञान दिवस है। आज के दिन आपसे किसी वैज्ञानिक के बारे में पूछा जाए, तो आपकी जुबान पर सबसे पहले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम या फिर किसी पुरुष वैज्ञानिक का नाम आएगा। आज विज्ञान की दुनिया में भारतीय महिलाओं की सफलता की कहानियां भी कम नहीं हैं। भारत का चंद्रयान मिशन हो या फिर मंगल मिशन की सफलता, इनमें महिला वैज्ञानिकों की लगन और मेहनत आज किसी से छिपी नहीं है।

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आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन हम आपको कुछ ऐसी महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। ये महान वैज्ञानिक महिलाएं जोश से भरी हुई सशक्त और आत्मनिर्भर हैं। आइए जानते हैं इसरो की खास महिला वैज्ञानिकों के बारे में-

1. रितु करढाल: रितु करढाल को भारत का रॉकेट वुमन कहा जाता है। वह इसरो की उन वैज्ञानिकों में से एक हैं, जो कई समस्याओं को अपने विचार-विमर्श से सुलझाने में माहिर हैं। वह मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन्स डायरेक्टर रही हैं। व​​ह एक एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। वह लखनऊ में पली-बढ़ी हैं। रितु दो बच्चों की मां होने के बावजूद इसरो में ही अपना वीकेंड बिताती हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बचपन से ही चंद्रमा उनके लिए एक कौतुहल का विषय लगता है। उनके दिमाग में इससे जुड़े कई सवाल थे, लेकिन यही सवाल ने उनको काफी आगे बढ़ाया।

2 मौमिता दत्ता: बचपन में ही मौमिता दत्ता ने चंद्रयान मिशन के बारे में पढ़ा था। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अप्लायड फिजिक्स से M. Tech की पढ़ाई की। 2006 में इन्होंने अहमदाबाद में स्पेस एप्लिकेशन सेंटर ज्वॉइन किया। इस दौरान ये चंद्रयान 1 और मंगलयान जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं का हिस्सा रहीं। मंगलयान में ये बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर काम कर चुकी हैं। फिलहाल वे "मेक इन इंडिया" का हिस्सा हैं।

3. मीनल संपत: मीनल संपत मंगलयान मिशन के अहम प्रोजेक्ट से जुड़ी रही हैं। इन्होंने मंगलयान के पेलोड्स के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्हें सेटेलाइट टेक्नॉलजी में 12 वर्ष से अधिक का अनुभव है। फिलहाल वे चंद्रयान 2 मिशन जैसे कई महत्वपूर्ण मिशन की प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। टेलीमेडिसिन प्रोग्राम में शानदार योगदान के लिए इसरो ने उनको यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड से सम्मानित किया था। 2013 में उनको इसरो टीम एक्सिलेंस अवार्ड भी मिल चुका है। वे इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

4. नंदिनी हरिनाथ: इसरो के रॉकेट वैज्ञानिकों में एक नाम है नंदिनी हरिनाथ का, जिन्होंने भारत के मंगलयान मिशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे मंगलयान मिशन में मिशन डिजाइन डिप्टी आॅपरेशन्स डायरेक्टर थीं। फिलहाल वे नासा और इसरो के संयुक्त मिशन निसार की सिस्टम प्रमुख हैं। नंदिनी हरिनाथ ने बताया था कि स्टार ट्रैक सीरिज देखने के बाद उनके अंदर विज्ञान पढ़ने की रुचि बढ़ी। दो हजार रुपए के नोट पर मंगलयान मिशन का चित्र देखकर नंदिनी काफी गौरवान्वित महसूस करती हैं।

5. अनुराधा टी.के: अनुराधा टी.के को इसरो में भारत की पहली महिला सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर होने का गौरव प्राप्त है। वह इसरो के वरिष्ठ महिला वैज्ञानिकों में से एक हैं। उन्होंने 1982 में इसरो ज्वॉइन किया था। उन्होंने सैटेलाइट GSAT-12 और GSAT-10 की लॉचिंग में काम किया है। 9 साल की उम्र मे ही इन्होंने ठान लिया था कि वे एक वैज्ञानिक बनेंगी। इन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनको 9 साल की उम्र में पता चला कि चंद्रमा पर जाने वाले प्रथम वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रांग थे। इसके बाद वे इनसे काफी प्रभावित हुई थीं।


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