National Pollution Prevention Day 2020: जानें इस दिन के इतिहास, महत्व और उद्देश्य के बारे में
National Pollution Prevention Day 2020 2 दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कंपनी से एमआईसी गैस का रिसाव हुआ था। इसी दिन को बाद में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में चिह्नित किया गया। जानेंगे इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया परेशान है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में लोगों की औसत आयु कम हो रही है। फ्रैक्ट्री लगाने के लिए पेड़ों की कटाई, सड़कों पर दौड़ने वाली गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, कारखानों से गैस का रिवास जैसे कई वजहें प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। जिस पर अगर अभी कंट्रोल न किया गया तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
भोपाल गैस त्रासदी
दुनिया में हुई सबसे खतरनाक दुर्घटनाओं में शामिल भोपाल गैस त्राससदी को इस 2 दिसंबर 2020 को पूरे 36 साल हो जाएंगे और इस दिन को ही बाद में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में चिह्नित किया गया। 2 दिसंबर, 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कंपनी से एमआईसी गैस का रिसाव हुआ था। इस घटना में हजारों लोगों की मौत हो चुकी थी। लोगों का सामूहिक रूप से दफनाया गया और अंतिम संस्कार किया गया। कुछ ही दिन के अंदर 2,000 के करीब जानवरों के शव को विसर्जित करना पड़ा। आसपास के इलाके के पेड़ बंजर हो गए। अस्पतालों और अस्थायी औषधालयों में मरीजों की भीड़ लग गई। एक समय में करीब 17,000 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तुरंत 2,259 लोगों की मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने गैस रिसाव से होने वाली मौतों की संख्या 3,787 बताई थी। 2006 में सरकार ने कोर्ट में एक हलफनामा दिया। उसमें उल्लेख किया कि गैस रिसाव के कारण कुल 5,58,125 लोग जख्मी हुए। उनमें से 38,478 आंशिक तौर पर अस्थायी विकलांग हुए और 3,900 ऐसे मामले थे जिसमें स्थायी रूप से लोग विकलांग हो गए। समस्या दुर्घटना के समय तक ही सीमित नहीं थी बल्कि अब तक उसका असर पड़ रहा है। पैदा होने वाले बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य
इसका मुख्य रूप से मकसद लोगों को जागरूक बनाना, जल, वायु, मृदा और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के बीच जागरुकता फैलना है। दरअसल इसको भोपाल गैस त्रासदी की याद में मनाया जाता है। भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी जिसमें 'मिथाइल आइयोसाइनेट' नाम की जहरीली गैस के रिसाव की वजह से बड़े पैमाने पर तबाही फैली।
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