Move to Jagran APP

Makar Sankranti 2021: जानें मकर संक्रांति पर क्यों है खिचड़ी खाने की परंपरा?

Makar Sankranti 2021 मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा के पीछे भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले बाबा गोरखनाथ की कहानी है। खिलजी के आक्रमण के समय नाथ योगियों को खिलजी से संघर्ष के कारण भोजन बनाने का समय नहीं मिल पाता था।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:20 AM (IST)
Makar Sankranti 2021: जानें मकर संक्रांति पर क्यों है खिचड़ी खाने की परंपरा?
जानें मकर संक्रांति पर क्यों है खिचड़ी खाने की परंपरा?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल यानी 2021 में 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग तिल के लड्डू और खास खिचड़ी तैयार करते हैं। वहीं, देश के कई हिस्सों में इस त्योहार पर पतंग भी उड़ाई जाती है, हालांकि, इस बार कोरोना वायरस महामारी की वजह से हर साल की तरह इस त्योहार की धीम देखने को नहीं मिलेगी। मकर संक्रांति को शास्त्रों में स्नान, दान और ध्यान के त्योहार के रूप में दर्शाया गया है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन भगवान सूर्य को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़ तिल से बनी चीज़ें जैसे तिल के लड्डू, गजक, रेवड़ी को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। 

loksabha election banner

ऐसी है मकर संक्रांति पर खिचड़ी की मान्यता

ये तो आप जानते होंगे कि मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, दही चूड़ा के अलावा खिचड़ी भी खाई जाती है, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह को जानते हैं, अगर नहीं तो आइए हम बताते हैं। मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा के पीछे भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले बाबा गोरखनाथ की कथा है। खिलजी के आक्रमण के समय नाथ योगियों को खिलजी से संघर्ष के कारण खाना बनाने का वक्त नहीं मिल पाता था। जिस वजह से योगी अक्सर भूखे रह जाते थे और दिन-ब-दिन कमज़ोर हो रहे थे। इस समस्या का हल निकालने के लिए बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्ज़ी को मिलाकर एक पकवान बनाने की सलाह दी।  

सलाह आई काम

नाथ योगियों को यह व्यंजन काफी पसंद आया। बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा। गोरखपुर स्थित बाबा गोरखनाथ के मंदिर के पास मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी मेले की शुरुआत आरंभ होती है। कई दिनों तक चलने वाले इस मेले में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और इसे भी प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। खिचड़ी न सिर्फ पौष्टिक होती है, बल्कि इसे तैयार करने में ज़्यादा समय भी नहीं लगता। इसे खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। 

मसाला खिचड़ी की रेसिपी

सामग्री:

एक कप चावल

एक कप मसूर की दाल

थोड़ा घी

1/4 कप कटे हुए प्याज

तेज पत्ता

दाल चीनी

इलाइची

नमक स्वादानुसार

अदरक का पेस्ट

लहसुन का पेस्ट

लाल मिर्च पाउडर

हल्दी पाउडर

जीरा पाउडर

धनिया पाउडर

हरी मिर्च

कटा हुआ गाजर, ब्रॉकली, बीन्स, टमाटर ( या आपके पसंद की सब्ज़ी)

धनिये के पत्ते

ऐसे बनाएं खिचड़ी

1. एक कटोरे पानी में एक कप चावल और एक कप मसूर की दाल को भिगो कर रख दें।

2. कढ़ाई में दो चम्मच घी डालकर कुछ देर गर्म करें। फिर उसमें 1/4 कप कटे हुए प्याज़, तेज पत्ता, दाल चीनी, इलाइची, नमक स्वादानुसार, अदरक का पेस्ट या पाउडर, लहसुन का पेस्ट या पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, ज़ीरा पाउडर और धनिया पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें।

3. जब मसाला भुन जाए, तो इसमें भिगोए हुए चावल और दाल डालें। 

4. हरी मिर्च, कटा हुआ गाजर, ब्रॉकली, बीन्स, टमाटर डालकर अच्छे से मिलाएं।

5. गर्म पानी डालकर तब तक पकाएं जब तक चावल न पक जाएं।

तो तैयार है आपकी टेस्टी और हेल्दी 'मसाला खिचड़ी'। आप इसे धनिये से गार्निश भी कर सकती हैं। सबको खिलाएं,  हर तरफ आपकी तारीफों के पुल बंधेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.