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फूड ब्लॉगर निकिता वर्मा की तरह आप भी Koo ऐप के टॉक-टू-टाइप फीचर का करें इस्तेमाल और इस दिवाली अपनी भाषा में बोलकर अपने विचार करें साझा

दिवाली एक ऐसा त्योहार है जिसे हर कोई अपने तरीके से और अपने अंदाज में इसे खास बनाना चाहता है। आप इस बार की दिवाली को कैसे खास बनाएंगे Koo ऐप पर कू करके अपने विचार हमारे साथ जरूर साझा करें।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 30 Oct 2021 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 05:38 PM (IST)
फूड ब्लॉगर निकिता वर्मा की तरह आप भी Koo ऐप के टॉक-टू-टाइप फीचर का करें इस्तेमाल और इस दिवाली अपनी भाषा में बोलकर अपने विचार करें साझा
फूड ब्लॉगर निकिता वर्मा की तरह आप भी Koo ऐप के टॉक-टू-टाइप फीचर का करें इस्तेमाल

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। भारत में जितने भी त्योहार हैं, उसमें लजीज और स्वादिष्ट व्यंजनों का बहुत ज्यादा महत्व है, और जब बात दिवाली की हो तो तरह-तरह के व्यंजन और मिठाईयों की लिस्ट हमेशा तैयार रहती है। भारत में मिठाई को शुद्ध माना जाता है और इसे देवताओं को चढ़ाया भी जाता है तथा इसे त्योहार में परिवार, दोस्तों और दूसरे लोगों को उपहार के रूप में बांटा भी जाता है। इसके अलावा यह एक-दूसरे के साथ खुशी बांटने का जरिया भी है।

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दिवाली एक ऐसा त्योहार है, जिसे हर कोई अपने तरीके से और अपने अंदाज में इसे खास बनाना चाहता है। आप इस बार की दिवाली को कैसे खास बनाएंगे, Koo ऐप पर कू करके अपने विचार हमारे साथ जरूर साझा करें। इसका टॉक-टू-टाइप फीचर आपको बहुत पसंद आएगा। आपको लिखने की जरूरत नहीं, आप बोलकर दिवाली पर अपनी खुशियां, अपने विचार अपनी भाषा में दुनिया के सामने साझा कर सकते हैं। जैसे इस वीडियो में फूड ब्लॉगर और सेफ निकिता वर्मा बता रही हैं कि वह कैसे Koo ऐप पर इस दिवाली टॉक-टू-टाइप फीचर का इस्तेमाल करने वाली हैं।

आप भी देखिए यह वीडियो:

दिवाली है तो कई तरह के व्यंजनों का होना लाजमी है। हर व्यंजन को कैसे खास बनाया जाए, इस पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है। निकिता वर्मा जानती हैं कि जब वह लोगों को रेसिपी बताती हैं, तो वह उन्हें नोट करते हैं। लेकिन Koo ऐप के टॉक-टू-टाइप फीचर का फायदा यह होगा कि इससे वह बोलते -बोलते सारी रेसिपी कू कर सकती हैं। यह बहुत ही आसान है और इसे हर कोई इस्तेमाल कर सकता है।

Koo लोगों को न केवल अपने भाव को साझा करने की एक जगह देता है, बल्कि भारत की आवाज बनकर सबको एक साथ जोड़ भी रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह कई भाषाओं में उपलब्ध है, बिलकुल हमारे भारतीय व्यंजनों की तरह। आपको बता दें कि यह नौ भाषाओं में उपलब्ध है। अगर आप हिंदी, इंग्लिश, कन्नड, तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगला, असमी, गुजराती में से कोई सी भी भाषा जानते हैं तो आप Koo पर आसानी से लिखकर या बोलकर (टॉक टू टाइप) अपने विचार दुनिया के सामने व्यक्त और साझा कर सकते हैं। इस ऐप पर और भी भाषा जैसे उर्दू, पंजाबी, संस्कृत, उडिया, मलयालम, नेपाली आदि जल्द उपलब्ध होगा।

निकिता वर्मा ने अपने यूजर्स के साथ जुड़ने की जगह ढूंढ ली है। क्या आपने अभी तक अपने अनुभव और विचार साझा करने के लिए Koo ऐप का इस्तेमाल नहीं किया है, तो देर किस बात की Koo ऐप डाउनलोड कीजिए और त्योहारों के बारे में या फिर सामाजिक, राजनीतिक, अर्थव्यवस्था, खेल, मनोरंजन, तकनीकी के बारे में आपका जो भी विचार है, उसे Koo कीजिए। इसके आलावा ताजा खबरों से जुड़े रहने के लिए Dainik Jagran को Koo पर फॉलो करना न भूलें।

लेखक- शक्ति सिंह

Note - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।


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