Lal Bahadur Shastri inspirational Quotes: लाल बहादुर शास्त्री जी के अनमोल विचार जो आपको आज भी प्रेरणा देते हैं
Lal Bahadur Shastri inspirational Quotesशास्त्री जी ने स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण के लिए महात्मा गांधी की विरासत का पालन किया। उन्होंने कुछ अद्भुत उद्धरण भी लिखे थे जो सभी पीढ़ियों के लोगों को प्रेरित कर सकते हैं। जानते हैं उनके प्रमुख उद्धरण।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे, जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1964 को हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसा नेता थे, जिसकी लंबाई भले कम रही हो लेकिन कद बहुत ऊंचा था। इतना ऊंचा कि उनके मरने के बाद भी वो हर हिंदुस्तानी को प्रेरित करते हैं।
शास्त्री जी अपनी ईमानदारी और व्यवहार कुशलता के चलते बेहद लोकप्रिय थे। बहुत ही कम समय में शास्त्री जी ने अपनी नीतियों और प्रभावशाली नारों के साथ राष्ट्र का स्वरूप बदल दिया। उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान जय जवान, जय किसान का नारा लगाया । शास्त्री जी ने नेहरू सरकार में गृह मंत्री के रूप में भी कार्य किया था और 1951 में रेल मंत्री का पद संभाला था। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण के लिए महात्मा गांधी की विरासत का पालन किया। उन्होंने कुछ अद्भुत उद्धरण भी लिखे थे जो सभी पीढ़ियों के लोगों को प्रेरित कर सकते हैं। आइए जानते हैं उनके प्रमुख उद्धरण।
- लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार और मजबूत रहें।
- यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूता कहा जाए तो भारत को अपना सिर शर्म से नीचे झुकाना पड़ेगा।
- जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रक्रिया करते हैं। अंतत: जनता ही मुखिया होती है।
- हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास के लिए विशवास करते हैं।
- मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार ये है कि समाज को एकजुट रखा जाए, ताकि वो विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।
- हमारे देश में आर्थिक मुद्दे उठाने बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्ही मुद्दों की वजह से हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ सकते हैं।
- "जय जवान, जय किसान"
- "जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।
- "आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा।"
Written By : Shahina Noor