ख़बरदार! Christmas और New Year पर ही टूटते हैं अधिकांश दिलों के तार...
स्टडी के तहत प्रतिभागियों ने साथ रहने और नहीं रहने के कारण गिनाए। साथ रहने के प्रमुख कारणों में शुमार हैं- भावनात्मक और शारीरिक संतुष्टि पारिवारिक ज़िम्मेदारी और वित्तीय लाभ।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। गहराती ठंड के बीच क्रिसमस और न्यू ईयर दोनों के करीब होने से युवा कपल्स का रोमांटिक होना स्वाभाविक है। इन अवसरों पर वे देश और दुनिया के दिलकश ठिकानों और नजारों को अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहते हैं। हालांकि इस बात से वे शायद बेखबर होंगे कि यही वह समय है, जब दोनों के ज़ेहन में अपने रिश्तों को लेकर आशंकाएं पैदा होती हैं। और जनवरी आते-आते उनके दिल के तार टूटने लगते हैं। तभी तो जनवरी में तलाक के मामलों में अचानक से ज़ोरदार इज़ाफा होता है।
इस मामले में यूनिवर्सिटी ऑफ इसेक्स की एक स्टडी क़ाबिलेग़ौर है। स्टडी के अनुसार, यंग कपल्स को अपनी और अपने साथी की ज़िंदगी से बेशुमार उम्मीदें होती हैं। उम्मीदों का यह कारवां इतना लंबा और कोमल होता है कि सख्त वक्त की हल्की मुश्किलें भी उसे तोड़ कर रख देती हैं। स्टडी कहती है कि इसीलिए दोनों के सामने एक-दूसरे से उम्मीदों की साफ तस्वीर होनी चाहिए। यानी उन्हें पता होना चाहिए कि वे एक-दूसरे से क्या और कितना चाहते हैं? उन्हें यह बात भी मालूम होना चाहिए कि वे एक-दूसरे के साथ क्यों रह रहे हैं और उन्हें इस रिश्ते को कब बाय-बाय बोलना चाहिए।
27 वजह हैं साथ रहने और नहीं रहने की...
स्टडी के तहत 447 प्रतिभागियों ने साथ रहने और नहीं रहने के 27 कारण गिनाए। साथ रहने के प्रमुख कारणों में शुमार हैं- भावनात्मक और शारीरिक संतुष्टि, पारिवारिक ज़िम्मेदारी और वित्तीय लाभ। इसी तरह संबंधों को ख़त्म करने की प्रमुख वजहों में विश्वास का अभाव, खराब सेक्सुअल लाइफ, नियमित झगड़ा और पार्टनर की पर्सनैलिटी को बिल्कुल पसंद नहीं करना।
नेगेटिव नहीं पॉज़ीटिव को देखें
स्टडी में यह भी पाया गया कि इन्वेस्टमेंट मॉडल और चंद तरह के खौफ भी संबंधों को बनाए रखने के कारण हैं। इन्वेस्टमेंट मॉडल के तहत लोग यह सोचते हैं कि अपने पार्टनर से नेगेटिव की जगह उनके पॉजिटिव एक्सपीरिएंस अधिक हैं। इसीलिए वे रिलेशंनशिप में बने रहते हैं। ये इन्वेस्टमेंट इमोशनल के साथ ही फाइनेंशियल भी होते हैं। ज्वाइंट बैंक अकाउंट और घर के साथ बच्चों के बारे में सोच भी उन्हें एक साथ बनाए रखती है।
बड़ी संख्या में लोग संबंध तोड़कर अपने पार्टनर की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते हैं। वे यह भी सोचते हैं कि इससे उनकी ज़िंदगी बुरी तरह से प्रभावित होने के साथ ही समाज में उनकी पहचान और जगह को भी प्रभावित करेगी।