मल्टीपल बॉसेज़ के साथ काम करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान
वर्कप्लेस पर कई बॉसेज़ के साथ तालमेल बनाकर काम करने के लिए कड़ी मेहनत और सूझबूझ बेहद जरूरी होता है। तभी करियर में ग्रोथ पॉसिबल है। मल्टीपल बॉसेज़ के साथ काम करते समय किन बातों का ध्यान रखें जानिए यहां।
कुछ संस्थानों में कर्मचारियों को एक ही समय में कई बॉसेज़ के साथ तालमेल बैठाते हुए काम करना होता है। ऐसे में जरा सी लापरवाही तरक्की पर भारी पड़ सकती है। अगर आप भी मल्टीपल बॉसेज़ के साथ काम कर रहे हैं, तो कड़ी मेहनत और सूझबूझ के अलावा यहां दिए जा रहे टिप्स पर ध्यान जरूर देंः
पहचानें वरिष्ठता क्रम
मल्टीपल बॉस वर्क कल्चर में वरिष्ठता क्रम की सही जानकारी बेहद जरूरी है। एक तो इससे वरीयता क्रम समझने में आसानी होती है, दूसरे यह जानकारी भी मिलती है कि आपके काम से जुड़े अंतिम निर्णय कौन-से बॉस लेते हैं और उनके साथ आपको कैसे तालमेल बैठाना है।
समझें पसंद-नापसंद
बॉसेज़ की गुड बुक में शामिल होने के लिए उनकी अपेक्षाएं और पसंद समझना भी जरूरी है। इसलिए सबसे पहले उनकी पसंद-नापसंद जानें। उनसे कंपनी की भावी योजनाओं और उनकी ड्रीम टीम के बारे में बात करें। इससे उनकी पसंद का तो अंदाजा होगा ही, ड्रीम टीम के लिए खुद को तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
कामकाज की जानकारी दें
दफ्तर में आपके पास क्या-क्या जिम्मेदारियां हैं और आप उन्हें किस तरह निभाते हैं, इस बारे में सभी बॉसेज़ को पूरी जानकारी दें। इससे उन्हें आपके प्रोफाइल और वर्कलोड का अंदाजा होगा और वे कोई भी जिम्मेदारी सोच-समझ कर ही आपको सौंपेंगे।
शेड्यूल बनाएं
आमतौर पर मल्टीपल बॉसेज़ के साथ काम करते समय कई एक्स्ट्रा जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती हर प्रोजेक्ट को समय पर खत्म करने और अगले प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरू करने की होती है। इस चुनौती से निपटने के लिए हर महीने वर्क शेड्यूल बनाएं और रोज़ उसे अपडेट करते रहें। इससे काम भी समय से निपटेगा और बॉसेज़ को आपके टाइम मैनेजमेंट स्किल की भी जानकारी होगी।
ग्रूप मीटिंग
कई बार सभी बॉसेज़ को एक साथ प्रोगेस रिपोर्ट बताना जरूरी होती है। ग्रूप मीटिंग यह बताने का बढ़िया माध्यम होती है। मीटिंग में एक तो सबको एक साथ अपने काम से अवगत करा सकते हैं, दूसरे नए कामों के लिए सबकी संस्तुति भी एक ही समय में ली जा सकती है।
समीक्षा करें
मल्टीपल बॉसेज़ के साथ काम करना काफी हेक्टिक भी होता है। ऐसे में गलती की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए गलती होने पर समस्या का प्रभावी समाधान तलाशें। इससे बॉसेज़ की समस्या के समाधान की आपकी क्षमता पता चलेगी। इससे बॉस की गुड बुक में आने की मदद मिलेगी।
(सुशील कुमार परे, करियर कोच से बातचीत पर आधारित)