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International Yoga Day 2020: 21 जून को है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें-इसका इतिहास और महत्व

International Yoga Day 2020 भारत में यह साधना प्राचीन काल से की जाती है। इसके जनक महर्षि पतंजलि हैं। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को विभिन्न प्रकार के योग करने की सलाह दी है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:59 AM (IST)
International Yoga Day 2020: 21 जून को है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें-इसका इतिहास और महत्व
International Yoga Day 2020: 21 जून को है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, जानें-इसका इतिहास और महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Yoga Day 2020: हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था, जबकि भारत में योग 5000 वर्ष पूर्व से किया जाता रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है, क्योंकि योग करने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से सेहतमंद रह सकता है। इस साल का थीम घर पर परिवार के साथ रहकर योग करना है। आइए, इसके इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं-

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योग दिवस का इतिहास

भारत में यह साधना प्राचीन काल से की जाती है। इसके जनक महर्षि पतंजलि हैं। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में अर्जुन को विभिन्न प्रकार के योग करने की सलाह दी है। भगवद गीता में योग के 18 प्रकार बताए गए हैं। कालांतर में ऋषि-मुनियों द्वारा इस क्रिया का निर्वाह किया जाता रहा है।

हालांकि, आधुनिक समय में महज ध्यान योग ही किया जाता है। इस साधना को अंतर्राष्ट्रीय पहचान उस वक्त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।

इसके बाद से दुनियाभर में हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल योग दिवस सामुदायिक रूप से नहीं मनाया जा रहा है, बल्कि इस बार लोग घर से ही योग दिवस मनाने जा रहे हैं।

योग दिवस का महत्व

'करो योग- रहो निरोग' यह चरितार्थ होता है। इससे जीवन में अध्यात्म का सृजन होता है और सकारात्मक चेतना जागृत होती है। व्यक्ति योग को अपने जीवन में धारण कर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। आधुनिक समय में तनाव को दूर करने में यह रामबाण दवा है। आज योग की महत्ता इतनी बढ़ गई है कि दुनियाभर के दर्जनों देशों में योग को जीवन का श्रृंगार माना जाता है।


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