वैवाहिक जीवन के प्रतीक मंगलसूत्र को दें पर्सनल टच, इन आइडियाज़ के साथ
मंगलसूत्र भले ही हर जाति समुदाय की वैवाहिक रस्मों का अनिवार्य हिस्सा न हो पर तोहफे के रूप में जीवसाथी को मंगलसूत्र देने का ट्रेंड यंगस्टर्स के बीच खूब है। ऐसे दें इसे पर्सनल टच।
व्यक्तित्व का आकर्षण बढ़ाती है जूलरी। हम अपने मिजाज के मुताबिक जूलरी चुनते हैं, पर कुछ खास जूलरी पीस ऐसे हैं, जिन्हें शुभता का प्रतीक माना जाता है। शादी के बाद ही उन्हें पहनना शुभ कहा गया है। ऐसा ही है मंगलसूत्र के साथ, जिसे सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से जोड़कर देखा जाता है।
पर्सनलाइज्ड मंगलसूत्र
मंगलसूत्र की रेडीमेड डिजाइन्स के बजाय आजकल लोग उसे पर्सनल टच देना पसंद कर रहे हैं, जैसे सोनम कपूर ने अपना मंगलसूत्र खुद डिजाइन किया। सोनम ने मंगलसूत्र में अपना और पति आनंद आहूजा की राशि मिथुन और सिंह के प्रतीकों को लॉकेट के रूप में काले मोतियों के बीच सेट कराया। सोनम अक्सर इस मंगलसूत्र को ब्रेसलेट की तरह पहने नजर आती हैं। मंगलसूत्र को पर्सनलाइज करने की यह अदा युवतियों को खूब भायी। शादी दो अलग शख्सियतों का मेल है। उनके राशि प्रतीकों को इस प्रकार मंगलसूत्र में पिरोना दिलचस्प आइडिया है।
इनमें झलकता है प्यार
जब मंगलसूत्र है प्यार का अनमोल तोहफा, तो क्यों न उसके लॉकेट में पिरोए जाएं वैसे ही कुछ अहसास। डायमंड इस लिहाज से खास है। रोमन मान्यता के अनुसार प्रेम के देवता इरोस द्वारा अपने तीर की नोक पर लगाए गए तारों के कुछ टुकड़े टूट कर धरती पर गिरे। इन टूटे हुए तारों के टुकड़े हैं डायमंड। इसलिए डायमंड को प्रेम की अभिव्यक्ति माना जाता है। इसे धारण करने पर व्यवहार में संतुलन और स्पष्ट दृष्टिकोण भी विकसित होता है। इसी प्रकार सेलटिक लव नॉट भी है अटूट प्यार का प्रतीक है। इसकी डिजाइन कुछ इस तरह की होती है कि कोई छोर नजर नहींआता। यह दो दिलों के मिलन का प्रतीक है। इसके अलावा हार्ट शेप है सदाबहार चॉइस।
दक्षिण भारत की अनिवार्य रस्म
दक्षिण भारतीय विवाहों में मंगलसूत्र पहनाने की रस्म बेहद खास मानी जाती है। इसके बिना शादी ही अधूरी मानी गई है। दक्षिण भारत में मंगलसूत्र को ताली कहा जाता है। हल्दी को शुभता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए हल्दी से धागे को पीला करने के बाद उसमें सोने के दो लॉकेट पिरोए जाते हैं। उनमें सामान्यत: विष्णु, शिव, तुलसी और श्री की छवि अंकित रहती है। विवाह के दौरान दूल्हा दुल्हन के गले में मंगलसूत्र पहनाता है। शादी के 16 दिन बाद ये लॉकेट सोने की चेन में काले मोतियों के साथ पिरोकर मंगलसूत्र को गले में डाला जाता है। यह माना जाता है कि मंगलसूत्र के काले मोती परिवार को बुरी ताकतों से बचाते हैं। दक्षिण भारतीय दुल्हन के मंगलसूत्र की ही भांति महाराष्ट्रीयन दुल्हन के मंगलसूत्र में दोहरे लॉकेट होना जरूरी है। ये दोहरे लॉकेट दो परिवारों के मिलन को प्रतिबिंबित करते हैं।
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