सोशल मीडिया पर आपका व्यवहार दूसरों के लिए न बन जाए नुकसानदेह, ध्यान रखें ये बातें
इस दौर में जब लोगों का सामाजिक जीवन ठहर सा गया है वहीं सोशल मीडिया पर बढ़ता जा रहा है लेकिन वे इसका सही ढंग से इस्ते्माल नहीं कर रहे। क्यों करते हैं ऐसा और इससे कैसे करें बचाव।
इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि आज के दौर में सोशल मीडिया लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है, पर इसका दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ लोग अनजाने में इस डिजिटल फ्लेटफॉर्म पर ऐसा व्यवहार करते हैं, जो केवल उनके लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी नुकसानदेह साबित होता है।
क्यों होता है ऐसा
बिना सोचे-समझे किसी भी पोस्ट को लाइक या शेयर करना, किसी समुदाय, जाति या धर्म विशेष के प्रति नफरत फैलाने वाले पोस्ट लिखना, नकारात्मक या हिंसक भावना को बढ़ावा देने वाले पोस्ट शेयर करना, अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले पोस्ट शेयर करना या निजी जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी एक्टिविटीज की तस्वीरें या विडियोज़ शेयर करने की आदत कुछ लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। सोशल मीडिया पर लोगों का व्यवहार संयत क्यों नहीं रहता? इस सवाल पर मनोवैज्ञानिक सलाहकारी आयुषी शर्मा कहती हैं, 'दरअसल अब लोगों की भावनाएं भी डिजिटल रूप ले चुकी हैं। सोशल मीडिया एक ऐसा फ्लेटफॉर्म है, जहां हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का वही पक्ष प्रस्तुत करता है, जिसे दूसरे लोग भी पसंद करें। वहां मिलने वाले लाइक्स उसके लिए पुरस्कार की तरह होते हैं। कोई भी पोस्ट अपडेट करते समय जब व्यक्ति को प्रशंसा भरे कमेंट या लाइक्स मिलते हैं तो उसके ब्रेन में डोपामिन नाम न्यूरोट्रांसमीटर का लेवल बढ़ जाता है, जिससे वह अच्छा महसूस करता है। इसी वजह से सोशल मीडिया पर उसकी सक्रियता बढ़ जाती है।'
संयमित हो व्यवहार
रिसर्च से यह साबित हो चुका है कि जहां अच्छी पॉजिटिव संदेश वाली पोस्ट देखकर लोगों को खुशी मिलती है, वहीं नकारात्मक भावनाओं वाली पोस्ट से उनके मन में दुख और निराशा जैसे भावों का संचार होता है। इसलिए निजी जीवन की तरह वर्चुअल लाइफ में भी संयमित व्यवहार करना चाहिए, जिससे लोगों के मन में इस पॉजिटिव भावना का संचार हो कि भले ही यह हमारे जीवन का कठिन दौर है, लेकिन हम पूरी हिम्मत के साथ इसका सामना करेंगे और अंततः हमें जीत हासिल होगी।