करियर में अच्छी और जल्द ग्रोथ के लिए जरूरी है ऑफिस में संतुलित व्यवहार
क्या अपने बॉस के साथ ज़्यादा फ्रेंड्ली हैं या उनकी हर बात में हां में हां मिलाते हैं? तो ये आपके करियर के लिए सही नहीं। तो आज ऐसे कुछ टिप्स जानेंगे जिससे ऑफिस में रह सकें संतुलित
ऑफिस में किसी सीनियर से व्यवहार में कैसा रिलेशन रखें, इस सवाल को लेकर ज़्यादातर लोग असमंजस में रहते हैं। लोगों को डर रहता है कि वे अपने सीनियर से व्यवहार में ज़्यादा फ्रेंड्ली बिहेवियर नहीं रख सकते हैं और न ही उनके प्रति रूखा व्यवहार रख सकते हैं। क्योंकि, दोनों ही स्थितियां उनके ऑफिस के कामकाजी जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, आपने ऑफिस में ऐसे कई सहकर्मियों को भी देखा होगा, जो हमेशा अपने मैनेजर की हर बात में हां में हां मिलाया करते हैं। कुछ तो मैनेजर की नज़रों में बने रहने के लिए अपने दूसरे सहकर्मियों के बारे में गॉसिपिंग भी किया करते हैं। लेकिन, क्या इस तरह का व्यवहार सीनियर के साथ रखना चाहिए? या ऑफिस में सीनियर के साथ इस तरह का व्यवहार रखना आपके करियर या प्रोफेशनल लाइफ पर किस तरह का प्रभाव डाल सकता है? सबसे पहले इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि ऑफिस में जितनी ज़रूरत आपके सीनियर की है, उतना ही महत्व आपके काम का भी है। किसी भी ऑफिस में छोटे से लेकर बड़े कई तरह के ओहदे होते हैं, जिनकी ज़रूरत हर ऑफिस को होती है।
समझें पहले खुद को
ऑफिस में आप जिस काम के लिए हैं, खुद को उस काम के लिए हमेशा ज़रूरी समझें। कभी भी अपने काम को कम या अपने सीनियर के काम को बड़ा न आंकें। अपनी प्रतिभा के मुताबिक, अपने काम को हमेशा सबसे बेहतर करने का प्रयास करें। कभी भी अपने सीनियर की मौज़ूदगी से डरें नहीं, कॉन्फिडेंटली अपनी बात रखें और तय समय सीमा पर काम पूरा करने की कोशिश करें।
नहीं चलेगी चापलूसी
हमेशा ध्यान दें कि तरक्की का रास्ता बॉस की बटरिंग करने से नहीं मिलता। सफलता का सही मार्ग आपके टैलेंट में ही छिपा होता है। अकसर देखा गया है कि ज़्यादातर लोग बॉस की नज़रों में भला बनने के लिए दूसरे कलीग्स की बुराई करने लगते हैं। हालांकि, इससे कुछ लोगों को भले ही तरक्की मिल जाए लेकिन यह तरी$का हर ऑफिस में काम नहीं कर सकता। इसलिए हमेशा अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर ही अपनी मंजि़ल का रास्ता चुनें।
रखें काम से ही मतलब
इसमें कोई शक नहीं कि ऑफिस में करने के लिए बहुत सारा काम हो सकता है, इसलिए अपने काम से ही मतलब रखें। अगर काम समझने या करने में परेशानी हो रही हो तो बेझिझक अपने जूनियर्स या सीनियर्स की मदद लें। अगर किसी भी काम को करने में किसी भी तरह की कोई भी परेशानी आए तो बिना किसी झिझक के उनसे इस बारे में बात करें, लेकिन इसका मतलब यह भी न समझें कि हर काम के लिए आप सीनियर्स पर ही निर्भर रहें।
स्वीकारें अपनी गलती
काम के दौरान अगर आपसे कोई गलती हो गई है तो उसे स्वीकार करने में ही भलाई है। अकसर लोग अपनी गलती दूसरे सहकर्मियों के सिर पर मढ़ देते हैं या उसे मानने की जगह कई तरह के बहाने बनाते हैं, लेकिन आप ऐसा न करें। माफी मांगकर कि गई गलती को सुधारने का प्रयास करें।
निजी रिश्ते रखें बाहर
सीनियर से व्यवहार कई बार एक दोस्ती का भी मोड़ ले सकती है। सीनियर से व्यवहार के दौरान दोस्ती करना कोई $गलत नहीं। लेकिन, ऑफिस में सीनियर के साथ दोस्ती अन्य सहकर्मियों को खटक सकती है। ऑफिस में जितनी अहमियत आपके काम की होती है, उससे कहीं ज़्यादा अहमियत आपके व्यवहार की होती है। इसलिए अगर सीनियर से व्यवहार के साथ आपकी गहरी दोस्ती हो जाती है तो हमेशा ऑफिस के बाहर ही दोस्तों जैसा बर्ताव करें। गहरी दोस्ती दूसरे सहकर्मियों के सामने ज़ाहिर न करें।
बनाए रखें मनोबल
ऑफिस में सीनियर से व्यवहार को बनाए रखने के लिए यह बिलकुल भी ज़रूरी नहीं है कि उनकी हर बात में हां में हां ही मिलाई जाए। अगर आपकी बिना किसी गलती के सीनियर सहकर्मी बहस करने का प्रयास करें तो उनके सामने सिर झुका लें या तर्क के साथ अपनी बात रखने का प्रयास करें। अगर बात ज़्यादा बिगड़ रही है तो इसके बारे में ऑफिस के मैनेजर से भी बात की जा सकती है। लेकिन उसके लिए आपका अपने काम पर पूरा आत्मविश्वास और परफेक्शन होना चाहिए।
शिकायतें न करें बार-बार
सीनियर से व्यवहार में भले ही आपकी अच्छी बनती हो, लेकिन बार-बार उनके पास अपनी शिकायतों का पिटारा लेकर न जाएं। खासकर तब, जब ये शिकायतें आपकी निजी हों। इन सब बातों के अलाावा, आप जैसे हैं ऑफिस में भी वैसे ही रहें। कभी भी अपने सीनियर या अन्य सहकर्मियों के सामने खुद को उनके जैसा दिखाने की कोशिश बिलकुल भी न करें। ध्यान रखें कि हर किसी का अपना अलग-अलग व्यक्तित्व होता है।