अब छोटे फ्लैट्स और कम बजट में भी कर सकते हैं बागवानी, इन शानदार आइडियाज के साथ
हरियाली का सान्निध्य हमारे मन को प्रसन्न कर देता है। तो इसके लिए जगह की कमी का बहाना बनाने की जरूरत नहीं इन खास तरीकों से बागवानी कर घर को बनाएं हरा-भरा और खुशनुमा।
आजकल तेजी से पांव पसारते शहरों और फ्लैट्स में सिमटती जिंदगी के बीच अब बागवानी के लिए बड़ी जगह निकाल पाना लोगों के लिए संभव नहीं हो पाता, पर इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि आप अपने घर-आंगन में हरियाली नहीं सजा सकतीं। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार घर के ड्रॉइंग या डाइनिंग रूम में टेबल पर ट्रे या टेरेनियम गार्डन बना सकती हैं या फिर खिड़कियों में विंडो गार्डन, दीवारों पर वर्टिकल गार्डन और कंटेनर गार्डनिंग से घर में स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण बना सकती हैं। बागवानी के जरिए घर में न सिर्फ हरियाली होती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। तो आप भी जानिए नए-नए तरीकों से बारे में...
1. विंडो गार्डन
इसमें विंडो के बाहर गार्डनिंग की जाती है। इसे दो तरह से तैयार किया जाता है। इसमें खिड़की के बाहर लकड़ी, मेटल या सीमेंट का बॉक्स बनाकर उसमें सीधे मिट्टी, खाद और उपजाऊ मिश्रण डालकर पौधे लगाएं। इस पूरे बॉक्स को प्लांटर की तरह उपयोग करें। विभिन्न प्रकार के पौधे पहले गमलों में लगाएं और फिर इन गमलों को विंडो बॉक्स में करीने से सजाएं।
कौन-से पौधे लगाएं
रंग-बिरंगे मौसमी फूल इनमें लगाए जा सकते हैं। इस मौसम में इस बॉक्स में कॉक्स कॉम्ब, कॉसमॉस पिटूनिया, बिगोनिया ओएस्टर, बर्बिना, झरबेरा जैसे प्लांट्स लगाए जा सकते हैं।
2. टेरेनियम गार्डनिंग
इसे आप अपने ड्रॉइंग रूम की सेंटर टेबल या डाइनिंग टेबल पर कांच के पारदर्शी बर्तन में तैयार कर सजा सकते हैं। इसे बनाना बहुत आसान है। इसमें कुछ ऐसे पौधों का चयन किया जाता है जो कम प्रकाश या फिल्टर्ड रोशनी में जीवित रह सकें और जिनकी ग्रोथ बहुत कम होती है। सबसे पहले रंग-बिरंगे मार्बल चिप्स किसी गोल या आयताकार कांच के बर्तन में डालें। फिर इसके ऊपर गीली मॉस ग्रास बिछाएं। इसके ऊपर मिट्टी और सड़ी-गली पत्तियों की खाद का मिश्रण डालें। फिर पौधों को किसी फोर्क या चिमटी की मदद से बर्तन में उतारें। इस विधा में पौधों को पानी स्प्रे की सहायता से दिया जाता है।
टेरेनियम गार्डनिंग के प्लांट्स
हाइड्रा, ,क्लोरोफाइटम, पेपरोनिया, छोटे आकार के क्रोटन लगाए जा सकते हैं। हरे, दो रंग या रंग-बिरंगी पत्तियों वाले पौधे पारदर्शी कांच के बर्तन में लगे हुए बड़े सुंदर दिखाई देते हैं।
3. ट्रे गार्डनिंग
इस तरह की गार्डनिंग में टेराकोटा या फाइबर ट्रे का उपयोग किया जा सकता है, जिसे आप घर के अंदर टेबल टॉप पर या कॉर्नर्स में रखकर हरा-भरा माहौल बना सकती हैं। सबसे पहले ट्रे में पानी के निकास की व्यवस्था करके छोटे—छोटे पत्थरों की सतह बनाई जाती है फिर उस पर बालूरेत, कंपोस्ट, कोकोपिट और मिट्टी के मिश्रण की लेयर बनाकर प्लांट्स लगाए जाते हैं। इनके लिए धीरे बढ़ने वाले कम हाइट के प्लांट्स का चयन किया जाना उचित होगा। जहां तक संभव हो ट्रे में एक ही वैरायटी के पौधों को लगाएं।
ट्रे गार्डनिंग प्लांट्स
अडेनियम, कैक्टस, फाइकस, फर्न, झेडप्लांट, सिंगोनियम केलेडियम जैसे पौधे लगाए जा सकते हैं।
4. बोन्साइ
बोन्साई छोटे पौधे बनाने की ऐसी तकनीक है जिसमें पौधे को एक छोटे से पॉट, ट्रे या गमले में लगाकर छोटा ही रखा जाता है। छोटे से गमले में भी पौधा बड़े पेड़ की तरह फल और फूल देता है। पौधों को छोटा बनाए रखने की इस तकनीक में सबसे पहले पॉट में प्रॉपर पानी निकासी की व्यवस्था करें। फिर मोटी बजरी को सही तरीके से पॉट में बिछा कर मिट्टी और खाद का मिश्रण डालकर उसमें पौधा लगाया जाता है। अब इस पर बालू रेत और ईट का चूरा डालकर पेड़ को भली भांति दबा दें। बोन्साई में पौधे की काट-छांट कर उसे बड़े पेड़ की शक्ल दी जाती है।बोन्साई में इन्हें लगाएं
गूलर, पीपल, अंजीर, बोगनविलिया, फाइकस, और कुछ फलों के पौधे बोन्साई बना सकते हैं।
5. वर्टिकल गार्डन
पौधों को दीवारों पर लगाने की इस तकनीक में रेडीमेड वर्टिकल पैनलों का प्रयोग किया जाता है। इनमें पौधों को रोपने के लिए पर्याप्त स्थान बना होता है, जिस पर आप विभिन्न प्रकार के प्लांट्स लगा सकते हैं। दिखने में सुंदर वर्टिकल गार्डन से आप घर के अंदर की दीवार पर हरियाली का अनुभव कर सकते हैं।
कौन-से पौधे लगाएं
सिनेशिया एप्टिनिया, ट्रेंडनसकेशिया आदि प्लांट्स इसमें लगाए जा सकते हैं। आप कुछ पत्तेदार बेलों को भी इसमें लगाकर चढ़ा सकती हैं, जिससे सारे घर में हरियाली की चादर दिखाई दे।