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Gandhi Jayanti 2020: जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं महात्मा गांधी के ये 10 अनमोल विचार

देश और दुनिया में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन लोग बापू को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प करते हैं। गांधी जी ने महज सत्य और अहिंसा के पथ पर चलकर देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई।

By Umanath SinghEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:05 PM (IST)
Gandhi Jayanti 2020: जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं महात्मा गांधी के ये 10 अनमोल विचार
गांधी जी ने महज सत्य और अहिंसा के पथ पर चलकर देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2020: मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, सन 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। देश और दुनिया में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन लोग बापू को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प करते हैं। गांधी जी ने महज सत्य और अहिंसा के पथ पर चलकर देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाई। हालांकि, आधुनिकता में लोग उनके विचारों को भूल गए हैं, लेकिन उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायक और प्रासंगिक हैं। आइए, गांधी जी के जन्मदिवस पर उन अनमोल वचनों को जानते हैं, जिन्हें जानकर जीने की नई राह मिलती है-

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1.

“बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो”

2.

भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या कर रहे हैं।

3.

हमारी मासूमियत जितनी बड़ी होती है, हमारी ताकत उतनी ही बड़ी होती है और हमारी जीत को मजबूत करती है।

4.

विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।

5.

 पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।

6.

आपको “मानवता” में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है; अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है।

7.

जब मैं निराश होता हूं, मैं याद कर लेता हूं कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो- हमेशा।

8.

एक निर्धारित लक्ष्य और कभी न बुझने वाले जोश के साथ अपने मिशन पर काम करने वाला शरीर ही इतिहास के पाठ्यक्रम को बदलता है।

9.

“अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान हैं”, जो सतह को चमकदार और साफ कर देती है।

10.

आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है।


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