Move to Jagran APP

Gandhi Jayanti 2020: महात्मा गांधी की जिंदगी पर डालिए एक नजर

Gandhi Jayanti 2020 सत्याग्रह शांति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2007 से गांधी जयंती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:00 AM (IST)
Gandhi Jayanti 2020: महात्मा गांधी की जिंदगी पर डालिए एक नजर
महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का प्रतीक हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदतर में हुआ था, इसलिए इस दिन ही हर साल 2 अक्तूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। गांधी जी पुतलीबाई और करमचंद गांधी के तीन बेटों में सबसे छोटे बेटे थे। मोहनदास एक औसत विद्यार्थी थे, हालांकि उन्होंने कई बार पुरस्कार और छात्रवृत्तियां भी हासिल की है। गांधी जी पढ़ाई और खेल दोनों में ही तेज नहीं थे। बीमार पिता की सेवा करना, घरेलू कामों में मां का हाथ बंटाना और समय मिलने पर दूर तक अकेले सैर पर निकलना उन्हें बेहद पसंद था। गांधी जी जब 13 साल के थे, और स्कूल में पढ़ते थे तभी उनकी शादी कस्तूरबा से हुई थी।

loksabha election banner

महात्मा गांधी की शिक्षा

1887 में मोहनदास ने 'बंबई यूनिवर्सिटी' में मैट्रिक की परीक्षा पास की और भावनगर स्थित 'सामलदास कॉलेज' में दाखिल लिया। अचानक गुजराती से अंग्रेजी भाषा में जाने से पढ़ाई में काफी दिक्कत महसूस हुई। इस बीच उनके परिवार में उनके भविष्य को लेकर चर्चा चल रही थी।

गांधी जी डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन वो वैष्णव परिवार में जन्म लिए थे, इसलिए वहां चीर फाड़ की इजाज़त नहीं थी। गांधी जी को अपने मन के खिलाफ फिर दूसरा पेशा चुनना पड़ा। उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई करने का मन बनाया और इंग्लैंड चले गएं। महात्मा गांधी का ये सफर इंग्लैंड तक नहीं थमा बल्कि उन्होंने कई देशों का भ्रमण किया।

गांधी जी की भारत वापसी

सन् 1914 में गांधी जी भारत लौट आए। देशवासियों ने उन्हें महात्मा पुकारना शुरू कर दिया। गांधी जी अगले चार वर्षों तक भारत में प्रचलित सामाजिक व राजनीतिक बुराइयों को हटाने में जुट गए।

गांधी जी ने रॉलेट एक्ट कानून का किया विरोध

फरवरी 1919 में अंग्रेजों के बनाए गए रॉलेट एक्ट कानून पर अंग्रेजों का विरोध किया। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने का प्रावधान था

सत्याग्रह आन्दोलन चलाया

गांधी जी ने सत्याग्रह आन्दोलन की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप एक ऐसा राजनीतिक भूचाल आया,जिसने 1919 के बसंत में समूचे उपमहाद्वीप को झकझोर दिया।

गांधी जी ने रखी और कई आंदोलनों की नीव

इस सफलता से प्रेरणा लेकर महात्‍मा गांधी ने भारतीय स्‍वतंत्रता के लिए किए जाने वाले अन्‍य अभियानों में सत्‍याग्रह और अहिंसा के विरोध जारी रखे, जैसे कि 'असहयोग आंदोलन', 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' तथा 'भारत छोड़ो आंदोलन'। गांधी जी के इन सारे प्रयासों से भारत को 15 अगस्‍त 1947 को भारत को अंग्रेजों से आजाद करा लिया था।

स्वतंत्र भारत के लिए गांधी जी का योगदान

मोहनदास करमचंद गांधी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। विश्व पटल पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का प्रतीक हैं।

सत्याग्रह, शांति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2007 से गांधी जयंती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.