कारगर टिप्स जो घर को पेट फ्रेंडली बनाने में आएंगे आपके काम
घर में पेट को भी आरामदायक माहौल देना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए घर के इंटीरियर को उनके अनुकूल बनाना होगा। कैसे दें घर को पेट फ्रेंडली लुक बता रही हैं इंटीरियर डिज़ाइनर नताशा सिंह। जो आएगी आपके बेहद काम।
पालतू जानवरों का साथ तनाव दूर करता है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उपजे तनाव को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इन्हें अपना रहे हैं। लेकिन पालतू जानवरों को घर लाना ही काफी नहीं है, घर का इंटीरियर भी उनके लिए आरामदेह होना चाहिए। यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे, जो घर को पेट फ्रेंडली बनाने में आपके काम आएंगे।
ऐसी हो अपहोल्स्ट्री
घर में पालतू जानवर हैं तो सोफे, कुर्सियों के लिए गहरे रंग का फैब्रिक चुनें। गहरे रंग पर दाग आसानी से दिखाई नहीं देंगे। फैब्रिक चुनते समय यह भी ध्यान रखें कि उस पर उनके फर आसानी से चिपके नहीं। कॉडरॉय, वेलवेट, मोहिर, मखमल, शनील आदि फैब्रिक पालतू जानवरों वाले घर के लिए अच्छे चुनाव नहीं हैं। रेशम या सैटिन जैसे मुलायम फैब्रिक भी नहीं चुनने चाहिए, क्योंकि इन्हें वे अपने नाखूनों से खराब कर सकते हैं। इनकी जगह टफ लिनन, लेदर और सिंथेटिक फैब्रिक बेहतर विकल्प हैं।
फर्नीचर न बने च्यू टॉयज़
बच्चों की तरह ही पालतू जानवर भी जन्म के शुरुआती छह महीनों तक सामान चबाते हैं। लकड़ी का सामान, कुर्सी या टेबल के लकड़ी के पाए चबाने में उन्हें बहुत आनंद आता है। इससे बचने के लिए घर में लकड़ी, विकर या बैंबू के फर्नीचर की जगह मेटल के पायों वाली कुर्सियां, टेबल, स्टूल आदि रखें। यदि फर्नीचर बदलना संभव न हो तो लकड़ी के फर्नीचर पर बाज़ार में मिलने वाले डेटेररेंट स्प्रे का छिड़काव करें। साथ ही, अपने पेट के लिए अच्छे च्यू टॉयज़ और रोप टॉयज़ लाएं और फर्नीचर चबाने पर उन्हें डांटें।
फर्श का रखें खास ख़्याल
घर में पालतू जानवर होने पर हार्डवुड फ्लोरिंग नहीं करानी चाहिए, क्योंकि उनके गंदा करने पर उससे दाग नहीं जाते। साथ ही, उनके पंजों और नाखूनों से उस पर स्क्रैच भी पड़ जाते हैं। मार्बल या टाइल फ्लोरिंग चुनते समय यह खयाल ज़रूर रखें कि उस पर आपके डॉगी के पंजे फिसले नहीं। इस समस्या से बचने के लिए एंटी-स्किड फ्लोरिंग लगवाना अच्छा रहेगा। साथ ही घर में रग्स या कारपेट न रखें, क्योंकि पेट इन पर फिसल सकते हैं या उनके पंजे इनके धागों में फंस सकते हैं।
कैसा हो वॉल टेक्सचर
खुरदुरे टेक्सचर वाली दीवारों पर पालतू जानवरों के फर बहुत आसानी से फंसते हैं, इसलिए जिन जगहों पर वे अपना अधिकांश समय बिताते हैं, वहां की दीवारों पर ग्लॉसी पेंट कराएं। इनसे फर और दाग दोनों ही साफ करना आसान है। साथ ही स्मूद दीवारों से उन्हें चोट लगने का खतरा भी नहीं रहता।
बनाएं प्ले एरिया
पालतू जानवरों को जहां पूरे घर में घूमना अच्छा लगता है, वहीं कुछ लोगों को ड्रॉइंग रूम, डाइनिंग एरिया या किचन में इनका खेलना नहीं भाता। ऐसे में अगर घर के किसी एक हिस्से को पेट प्ले जोन बना दिया जाए तो आप भी खुश रहेंगे और वे भी। प्ले जोन में उनके खिलौने, खाने का सामान आदि व्यवस्थित ढंग से रखने के लिए एक कैबिनेट भी लगाएं। उनके खाने-पानी वाले बोल्स भी वहीं रखें।
बनाएं कोज़ी नैप स्पॉट
अधिकतर पालतू जानवर अपना 50 फीसद वक्त सोने, 30 प्रतिशत लेटे रहने और केवल 20 प्रतिशत समय ही खेलने-कूदने में बिताते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि कोई ऐसी जगह तय हो, जहां वे आराम कर सकें। वहां अच्छी क्वॉलिटी का एक पेट बेड, छोटा कुशन और ब्लैंकेट रखें। ऐसा करके आप उन्हें कीमती फर्नीचर से दूर रख सकते हैं। उनके लिए स्पेशल फर्नीचर खरीदकर भी उन्हें अपने सोफे पर बैठने से रोका जा सकता है।
आउटडोर प्ले स्पेस व केनल
यदि आपके पास गार्डन जैसे आउटडोर स्पेस हैं तो आपका डॉगी ज़्यादातर खेलने का समय वहीं बिताना चाहेगा। ऐसे में कीमती प्लांट्र्स, पौधों की क्यारी और दूसरे सजावटी सामान को नुकसान से बचाने के लिए गार्डन का कोई छोटा-सा हिस्सा उसके प्ले एरिया में तब्दील कर लें। उसके साथ खेलने के लिए वहां एक छोटी-सी गोल पोस्ट लगाएं और नीची फेंस से क्यारियों को उसकी पहुंच से दूर रखें। अगर वह घर से बाहर रहता है तो उसे धूप, बारिश, ठंड आदि से बचाने के लिए एक केनल रखें। साथ ही बाहर ही एक ऐसा हिस्सा भी बनाएं जहां घर में लाने से पहले उसके पंजे साफ कर सकें। इससे बाहर की गंदगी और धूल-मिट्टी अंदर नहीं आएगी।
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