Move to Jagran APP

Durga Puja 2020: शक्ति नृत्य है बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान होने वाला 'धुनुची नाच'

Durga Puja 2020 बंगाल में भी एक बहुत पुरानी परम्परा है जिसे धुनुची नाच कहा जाता है। यह नवरात्रों में दुर्गा पूजा के दौरान किए जाने वाला नाच है। हर के दुर्गापूजा पंडालों में धुनुची नृत्य का नज़ारा देख आंखें ठहर जाती हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 08:00 AM (IST)
Durga Puja 2020: शक्ति नृत्य है बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान होने वाला 'धुनुची नाच'
हर के दुर्गापूजा पंडालों में धुनुची नृत्य का नज़ारा देख आंखें ठहर जाती हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Durga Puja 2020: दशहरा पर रावण जलाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है, होली पर होलिका दहन की परम्परा, ईद पर सिवइयों की परम्परा, क्रिसमस पर सजावट की परम्परा, दीपावली पर रंगोली की परम्परा हम न जाने कब से निभाते चले आ रहे हैं, ऐसे में यह कहना ग़लत नहीं है कि भारत एक परम्पराओं का देश है। 

loksabha election banner

इसी तरह बंगाल में भी एक बहुत पुरानी परम्परा है, जिसे धुनुची नाच कहा जाता है। यह नवरात्रों में दुर्गा पूजा के दौरान किए जाने वाला नाच है।

क्या है धुनुची नाच

शहर के दुर्गापूजा पंडालों में धुनुची नृत्य का नज़ारा देख आंखें ठहर जाती हैं। क्या पुरुष और क्या महिलाएं...यह डांस करने वाले कभी दांतों में फंसाकर तो कभी दोनों हाथों के बीच धुनुची की ऐसी अटखेलियां दिखाते हैं कि देखने वाले हैरान रह जाते हैं। उस पर खास बात यह कि ग़ज़ब का बैलेंस डिमांड करने वाले इस डांस के लिए न तो कोई ट्रेनिंग होती है, न प्रैक्टिस। बस ढाक का साथ मिलता है तो माता के भक्त हाथ में जलती धुनुची लेकर मंत्रमुग्ध हो नाचने लगते हैं।

शक्ति नृत्य है धुनुची 

धुनुची नाच असल में शक्ति नृत्य है। बंगाल परम्परा का हिस्सा यह नृत्य मां भवानी की शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जाता है। पुराणों के अनुसार, क्योकि महिषासुर बहुत ही बलशाली था उसे कोई नर, देवता मार नहीं सकता था। मां भवानी उसका वध करने जाती हैं। इसलिए मां के भक्त उनकी शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए धुनुची नाच करते हैं। धुनुची में कोकोनट कॉयर और हवन सामग्री (धुनो) रखा जाता है। उसी से मां की आरती की जाती है। धुनुची नाच सप्तमी से शुरू होता है और अष्टमी और नवमी तक चलता है।

आपको बता दें कि शनिवार को शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। 16 अक्टूबर तक मलमास रहेगा और 17 अक्टूबर से कलश स्थापना के साथ देवी के नौ दिनों तक चलने वाली आराधना शुरू हो जाएगी। कोरोना महामारी को लेकर इस वर्ष नवरात्रि को लेकर अधिकतर लोग अपने घर पर कलश स्थापना कर नवरात्रि की पूजा करेंगे। शहर में इस बार थीम आधारित पूजा पंडाल का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में युवा वर्ग का दुर्गोत्सव को लेकर उत्साह कम नजर आ रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.