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Diwali 2020 Do's & Don'ts: सावधान! इस दीपावली भूल कर भी न करें ये 6 काम!

Diwali 2020 Dos Donts एक तरफ सभी लोग रौशनी और खुशी के इस त्योहार की तैयारियों में लगे हैं तो वहीं NGT ने NCR में 9 नवंबर की आधी रात से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 02:00 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 09:59 AM (IST)
Diwali 2020 Do's & Don'ts: सावधान! इस दीपावली भूल कर भी न करें ये 6 काम!
सावधान! इस दीपावली भूल कर भी न करें ये 6 काम!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diwali 2020 Do's And Don'ts: दिवाली को रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है, और इसे पूरे देश में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया भी जाता है। दिवाली भारत को सबसे बड़ा त्योहार है, जिसका इंतज़ार सभी को पूरे साल बेसब्री से रहता है। हालांकि, इस साल कोरोना वायरस महामारी और देश के कई हिस्सों में बढ़ते ख़तरनाक प्रदूषण की वजह से दिवाली पर कुछ समझौता करने पड़ेंगे।

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एक तरफ सभी लोग रौशनी और खुशी के इस त्योहार की तैयारियों में लगे हैं, तो वहीं, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। बीते सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एनसीआर क्षेत्र में 9 नवंबर की आधी रात से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

दूसरी ओर, गुजरात जैसे राज्यों में रात 8 बजे से रात 10 बजे तक पटाखे फोड़ने के लिए सीमित समय है, जबकि यूपी सरकार ने राज्य के प्रदूषण प्रभावित हिस्सों में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और केवल हरे पटाखे चलाने की अनुमति दी है। आंध्र प्रदेश के साथ कई अन्य राज्यों ने भी पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दिवाली इस बार 14 नवंबर यानी शनिवार को है। दिये, लाइट्स और पटाखों को इस त्योहार का अहम हिस्सा माना जाता है। हालांकि, दिवाली मनाते समय सबको कई चीज़ों का ख्याल रखना चाहिए। आज हम आपको बता रहे हैं रोशनी के इस त्योहार पर आप क्या करें और क्या न करें, ताकि इस दिवाली आप और आपका परिवार रहे खुश और सुरक्षित। 

क्या करें

1. वैसे तो देश भर के कई हिस्सों में पटाखों पर बैन लग गया है। लेकिन अगर आप ऐसे शहर में रहते हैं, जहां प्रतिबंध नहीं है, तो भी कम से कम पटाखे जलाएं। पटाखों को सिर्फ लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खरीदें। साथ ही इन पटाखों की मैनूफेक्चरिंग तारीख चेक करना न भूलें।

2. पटाखों की पैकेट पर निर्देश पढ़ना न भूलें।

3. किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना के लिए पानी और रेत की बाल्टी तैयार रखें।

4. बच्चों को पटाखों से दूर रखें। 

5. पटाखों को माचिस के डब्बे, मोमबत्ती और दियों से दूर रखें। इनसे आग भी फैल सकती है।  

6. सूती कपड़े और जूते पहनें। पटाखे फोड़ते समय नायलॉन या सिंथेटिक कपड़े भूलकर भी न पहनें। 

7. चोट लगने की स्थिति में फर्स्ट एड बॉक्स हमेशा तैयार रखें। ज़्यादा चोट लगने पर पास के अस्पताल में दिखा दें।

8.  इस दिवाली के दौरान मास्क पहनना न भूलें क्योंकि महामारी अभी ख़त्म नहीं हुई है।

9. सैनिटाइज़र को पटाखों, दिए और मोमबत्ती से दूर रखें।

10. किसी भी तरह की सांस की समस्या वाले लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए।

क्या न करें

1. पटाखे नहीं जलाना बेहतर है, इससे पहले से हो रहा प्रदूषण और भयानक रूप ले लेता है। खासकर, दिल्ली और एनसीआर में। पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है और कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। कई महीनों तक पटाखों का धुंआ हवा में रहता है, जिससे दमे और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारी वाले लोगों की दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।

2. पटाखों को घर के अंदर भूलकर भी न जलाएं। 

3. साउंड इफेक्ट के लिए पटाखों को किसी बर्तन या फिर ग्लास बोटल से न ढकें।

4. पटाखों को अपने कपड़ों की जेब में न रखें।

5. जले हुए पटाखों से न खेलें।

6. पटाखों को बाहर घूम रहे जानवरों के पास, अस्पताल के सामने या फिर सड़क पर न फोड़ें।  

इस त्योहार एक एक लंबा इतिहास है, कहा जाता है कि भगवान राम, लंका के राजा रावण को हराकर अपनी मातृभूमि अयोध्या लौट आए थे। वह अपने जीवन के 14 साल वनवास में बिताने के बाद पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ लौटे थे। अयोध्यावासियों दिये, सजावट और पूरे उत्सव के साथ उनका स्वागत किया।


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