Childrens Day 2020: जानें 14 नवंबर को मनाए जाने वाले बाल दिवस का इतिहास और महत्व!
Childrens Day 2020 पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनका मानना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं और दिल के सच्चे होते हैं। बच्चे भी चाचा नेहरू से बेहद प्यार करते थे और उन्हें सम्मान देकर चाचा पुकारते थे।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Childrens Day 2020 : हर वर्ष 14 नवंबर को देशभर में बाल दिवस उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। इसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर उनकी याद में मनाया जाता है। हालांकि, विभिन्न देशों में इसे अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। पंडित जवाहर लाल नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे। उनका मानना था कि बच्चे भगवान के रूप होते हैं और दिल के सच्चे होते हैं। बच्चे भी चाचा नेहरू से बेहद प्यार करते थे और उन्हें सम्मान देकर चाचा पुकारते थे। ऐसा कहा जाता है कि चाचा नेहरू बच्चों को लाल गुलाब मानते थे और उतना ही प्यार करते थे। चाचा नेहरू हमेशा कहते थे कि देश के स्वर्णिम विकास में बच्चे की अहम भागीदारी है। इसके लिए बच्चों को शिक्षित और अनुशासित होना जरूरी है। नेहरू के अनमोल विचार आज भी न केवल बच्चे, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रासंगिक हैं। आइए बाल दिवस का इतिहास और महत्व जानते हैं-
बाल दिवस का इतिहास
बाल दिवस मनाने की शुरुआत 1925 में हुई थी। जब बाल कल्याण के लिए विश्व सम्मेलन में बाल दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया और 1 जून, सन 1950 से बाल दिवस मनाया जाने लगा। इसके बाद 1954 में सर्वसम्मिति से इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। वहीं, सभी देशों में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इसके लिए सन 1959 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाल अधिकार के घोषणापत्र को स्वीकार किया और कई दशक बाद सन 1989 में बाल अधिकार समझौता पास कर दिया गया। भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरू का जन्मदिन है। अतः भारत में 14 नंवबर को बाल दिवस मनाया जाता है। देश में इसे पहली बार सन 1959 में मनाया गया था।
बाल दिवस का महत्व
जैसा कि हम सब जानते हैं कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। देश के विकास में बच्चे की भागीदारी अहम है। इसके लिए बच्चे का विकास जरूरी है। अगर बच्चों का विकास समुचित ढंग से नहीं होगा, तो देश के विकास में भी बाधा आएगी। इसके लिए बच्चे के स्वर्णिम विकास पर विवेचना और विश्लेषण जरूरी है। बाल दिवस के मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं, जिनमें बच्चों को जागरूक किया जाता है। आधुनिक समय में बच्चों को शिक्षित करना जरूरी है।