World Heart Day 2019: Heart Attack और Cardiac Arrest में क्या है अंतर?
World Heart Day 2019
नई दिल्ली, जेएनएन। How Heart Attack And Cardiac Arrest Are Different: रोज़मर्रा की भागती दौड़ती ज़िंदगी में लगभग सभी स्ट्रेस और तनाव से जूझते हैं। इसी वजह से पिछले कुछ समय से दिल की बीमारियों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पहले दिल से जुड़ी बीमारियां सिर्फ बुज़ुर्गों में ही देखी जाती थी, लेकिन अब 22 साल के बच्चों में भी यह आम हो गई है। दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 29 सितंबर को दुनिया भर में वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है।
दिल की बीमारियों में हार्ट अटैक और कार्डीऐक अरेस्ट से सबसे ज्यादा लोगों की मौतें होती हैं। कई लोगों को इन दोनों में अंतर की जानकारी नहीं होती और वह इन दोनों को एक ही बीमारी मानते हैं। इन दोनों में अंतर जानने के लिए यह भी जानना ज़रूरी है कि इनके होने पर शरीर में किस तरह का असर पड़ता है।
क्या होता है हार्ट अटैक?
दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है। यह रक्त वाहिकाएं हैं जो हृदय की मांसपेशी तक खून को पहुंचाती हैं। क्योंकि दिल एक मांसपेशी है, इसलिए इसे अपना काम करने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त की ज़रूरत होती है। कोरोनरी धमनियों में रुकावट की वजह से हार्ट अटैक आता है क्योंकि मांसपेशी तक खून नहीं पहुंच पाता है। अगर रुकी हुई कोरोनरी धमनियों को जल्दी से नहीं खोला जाता है, तो दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं।
हार्ट अटैक के बाद क्या होता है?
दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में, आपको सीने में जकड़न, जलन, दबाव और दर्द के साथ-साथ अत्यधिक दर्द भी होता है। व्यक्ति को बाएं कंधे और बाएं हाथ सहित शरीर के ऊपरी-बाएं क्षेत्रों में दर्द का अनुभव हो सकता है। कार्डीऐक अरेस्ट की तरह आमतौर पर हार्ट अटैक में दिल धड़कना नहीं बंद होता।
क्या होता है कार्डीऐक अरेस्ट?
कार्डीऐक अरेस्ट तब होता है जब दिल पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है। यह दिल में एक इलेक्ट्रिक खराबी से शुरू होता है, जिसकी वजह से दिल की धड़कने अनियमित हो जाती हैं। इन दोनों के बीच प्राथमिक अंतर यही है, दिल के दौरे के मामले में, हृदय धड़कता रहता है, भले ही हृदय की मांसपेशी को खून न मिल रहा हो। हो।
कार्डीऐक अरेस्ट के बाद क्या होता है?
क्योंकि दिल धड़कना बंद कर देता है, जिसकी वजह से इंसान बेहोश हो जाता है, सांस नहीं ले पाता और ना ही पल्स होती हैं। कार्डिएक अरेस्ट होने पर अगर फौरन इलाज न हो तो कुछ ही मिनटों में मौत हो जाती है।