World Cancer Day 2020: ओवेरियन कैंसर से रहें सतर्क, जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में अंडाशय का कैंसर एक आम समस्या बनता जा रहा है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है जो मृत्यु का कारण बनता जा रहा है। जानेंगे इसकी वजहें और उपचार...
ओवेरियन कैंसर अंडाशय से शुरु होता है। अंडाशय महिलाओं में पाई जाने वाली प्रजनन ग्रंथियां हैं। अंडाशय प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करता है। अंडे फैलोपियन ट्यूब्स से गर्भाशय में जाते हैं। जहां निषेचित अंडा प्रवेश करता है और भ्रूण विकसित होता है। अंडाशय महिलाओं में हारमोंस एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का मुख्य स्त्रोत है।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में अंडाशय का कैंसर एक आम समस्या बनता जा रहा है। महिलाओं में होने वाले अन्य सभी कैंसर में ओवरी में कैंसर कोशिकाओं का विकास होने की संभावना लगभग 4 प्रतिशत है। हालांकि यह एक तेजी से बढ़ने वाला कैंसर है और महिलाओं में मृत्यु का बड़ा कारण बनता जा रहा है लगभग तीन चौथाई महिलाओं में इसका निदान तीसरी या चौथी स्टेज में हो पाता है। ओवेरियन कैंसर के लक्षणों को पहचानना मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर शिकायत पेट संबंधी होती है। जिन्हें रोजमर्रा की शिकायत समझ कर नजर अंदाज कर दिया जाता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण:-
1. ब्वोटिंग: पेट फूलने की स्थिति को ब्लोटिंग कहा जाता है। अगर पेट हमेशा ही फूला रहे और असमान्य बना रहे तो सतर्क होने की जरूरत है।कम खाने पर भी पेट जल्दी भरना :-कई बार ऐसा होता है कि थोड़ी सा खाना खाते ही लगने लगता है कि बहुत खा लिया है और पेट भरा-भरा सा महसूस होता है। ऐसी स्थिति में आपको लगता होगा कि गैस अथवा मौसम बदलने की वजह से हो रहा है लेकिन यह ओवेरियन ट्यूमर को संकेत करने वाला लक्षण भी हो सकता है।
2. लगातार पेट में दर्द:-पेट में लगातार दर्द रहे तो इसे नजर अंदाज न करें।
3. मलमूत्र त्याग में परेशानी अथवा परिवर्तन:- अगर पेशाब करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द अथवा प्रेशर महसूस हो तो ये ट्यूमर के दबाव का संकेत भी हो सकता है।
4. सफेद पानी की शिकायत
5. कमर में दर्द
ओवेरियन कैंसर के कारण
अंडाशय कैंसर भी अन्य कैंसर की तरह कोशिकाओं के अनियमित व अनियंत्रित गुणन और विभाजन से होता है निम्नलिखित कुछ कारण है जो ओवेरियन कैंसर के होने के जोखिम को बढ़ाते हैं।
1. आनुवांशिकी:- नगर आपकी मां मौसी बहन अथवा नानी को ओवेरी कैंसर अथवा ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो आपको ज्यादा जोखिम है। अथवा जिनकी मां, मौसी, बहन अथवा नानी ब्रेस्ट कैंसर से पाडि़त रही हों उन महिलाओं को भी सचेत रहने की आवश्यकता है।
2. उम्र:-अधिकतम 60 वर्ष से अधिक उम्र में पाया जाता है।
3. ब्रेस्ट कैंसर:- जिन महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान किया गया है उनमें अंडाशय कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।
4. हारमोन रिप्लेसमेंट थेरेपी:-इससे भी ओवेरियन ट्यूमर का जोखिम बढ़ जाता है।
5. मोटापा:- अत्यधिक मोटापा से भी खतरा बढ़ जाता है।
6. एंडोमिट्रियोसिसजिन महिलाओं में एंडोमिट्रियोसिस का निदान किया गया है उनमें ओवेरियन कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
जांच
सीए125, बीएससीजी, एएफपी, एलडीएच, अल्ट्रासाउंड, सीटी/एमआरआई, बायोप्सी
निदान
इस कैंसर में सर्जरी, कीमोथिरेपी या दोनों का संयोजन किया जाता है, उपचार का प्रकार अंडाशर कैंसर के प्रकार, स्टेज, मरीज की उम्र और सामान्य स्थिति के अनुसार किया जाता है।
डा. प्रीति शुक्ला, कैंसर रोग विशेषज्ञ