World Cancer Day 2020: लक्षणों में ही छिपा है कैंसर का जड़ से इलाज, न करें इनकी अनदेखी
कैंसर एक जानलेवा और गंभीर बीमारी हैजिससे आज के समय में सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। इसकी रोकथाम और जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल की ओर से इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य सन 2008 में लिखे गए वर्ल्ड कैंसर डिक्लेरेशन को सपोर्ट करना है। इस दिवस को मनाने का पहला उद्देश्य सनू 2020 तक कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है।
कैंसर के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए
रोज की दिनचर्या में कभी-कभी हमारे शरीर में ऐसे बदलाव आते हैं, जिन्हें हम छोटी-मोटी समस्या समझकर टाल देते हैं, लेकिन कभी-कभी ये बदलाव हमें बड़ी बीमारी की तरफ संकेत दे रहे होते हैं। इन संकेतों को समझें तो इस क्रम में सबसे पहले आता है..
1. थकान महसूस होना। बहुत ज्यादा थकान ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता है। थकान के साथ लंबे समय से बुखार भी आ रहा तो कोई कारण न पता चले तो इसे अनदेखा न करें।
2. बुहत ज्यादा शारीरिक कमजोरी से दिनचर्या में बदलाव एक गंभीर लक्षण है। इसके अलावा अचानक वजन कम हो रहा हो, तो इसे भी अनदेखा न करें। यह कोलन कैंसर की चेतावनी हो सकती है।
3. भूख न लगना, पेट में दर्द आदि पित्त या लीवर की बीमारी तरफ संकेत करते हैं।
4. शरीर के किसी भाग में फोड़ा या गांठ, जो खासतौर से दर्द न करती हो, उसे तो बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। शरीर की कोई गांठ बढ़ने लगे, उसका रंग बदलने लगे, अचानक दर्द होने लगे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
5. आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं, जिसका मुंह कम खुल पा रहा हो या उसके मुंह में ना भरने वाले घाव हों, तो हो सकता है कि वह मुंह के कैंसर के लक्षण हों।
6. महिलाओं के निप्पल में बदलाव होना भी कोई आम बात नहीं। इस तरह से इसके आकार में बदलाव आना अचानक स्तन कैंसर का कारण हो सकता है। जिसमें निप्पल का सपाट होना या अंदर को मुड़ना शामिल है। पीरियड्स में बदलाव होना, असमय खून का स्त्राव होना, सफेद और बदबूदार पानी का आना ये बच्चेदानी के ट्यूमर या कैंसर की तरफ संकेत है।
7. 60 साल के बाद अगर पुरुषों को यूरिन की परेशानी शुरू हो गई है, तो वो प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है।
8. एक साथ कभी कब्ज, कभी दस्त या यूरिन में मल के साथ खून का आना भी इस क्रम में एक सीरियस लक्षण है।
9. हड्डियों का दुखन वाला दर्द, कपाल की हड्डी, स्पाइन की हड्डियों व लंबी हड्डियों में बिना किसी कारण के फ्रेक्चर हो जाना हड्डियों के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
10. खाना निगलने में दिक्कत या पानी के सहारे खाना निगल पाना और उल्टी में कई दिन पुराना खाना निकलना एक तरह के स्टमक कैंसर का लक्षण है।
11. मरीज को हर समय सिरदर्द रहना व सिरदर्द सोने के बाद बढ़ जाना या उल्टियां होना, दिमागी कमजोरी व आंखों की रोशनी का कम होना, हाथ-पैर की कमजोरी आना दिमाग के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
इन लक्षणों के दिखने पर आपको सबसे पहले जाकर जांच करानी चाहिए क्योंकि प्रारंभिक स्टेज में कैंसर की रोकथाम हो सकती है। आप सेल्फ एग्मजामिनेशन भी कर सकते हैं।
साधारण एक्सरे से अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, पीईटी स्कैन से प्रारंभिक स्थिति में कैंसर का पता लगाया जा सकता है। कैंसर का इलाज उसकी स्टेज और प्रेजेंटेशन पर निर्भर करता है, लेकिन सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्युनोथेरेपी से इलाज संभव हुआ है। तो जरूरत है समय पर इसके लक्षणों को समझकर उनकी जांच में लापरवाही न बरतने की।