विश्व एड्स दिवस 2021: छुआछूत की बीमारी नहीं एड्स, जानें संक्रमण के बाद किस तरह के लक्षण आते हैं नजर
World AIDS Day 2021 सबसे पहले तो इस बात को दिमाग से निकाल दें कि यह एक छुआछूत की बीमारी है। जागरूकता और जानकारी ही एड्स से बचाव का उपाय है। आज हम यहां जानेंगे एड्स से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस है। एड्स एक खतरनाक बीमारी है, मूलतः असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एड्स के जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इस बीमारी का काफी देर बाद पता चलता है और मरीज भी एचआईवी टेस्ट के प्रति सजग नहीं रहते, इसलिए अन्य बीमारी का भ्रम बना रहता है। एड्स का पूरा नाम है 'एक्क्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम'। न्यूयॉर्क में 1981 में इसके बारे में पहली बार पता चला, जब कुछ समलिंगी यौन क्रिया के शौकीन अपना इलाज कराने डॉक्टर के पास गए। इलाज के बाद भी रोग ज्यों का त्यों रहा और रोगी बच नहीं पाए। तो डॉक्टरों ने परीक्षण कर देखा कि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो चुकी थी। फिर इसके ऊपर शोध हुए, तब तक यह कई देशों में जबरदस्त रूप से फैल चुकी थी और इसे नाम दिया गया एड्स।
एचआईवी/एड्स क्या है?
एड्स-एचआईवी नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह के बाद ही रक्त की जांच से पता चलता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है। ऐसे व्यक्ति को एचआईवी पॉजिटिव कहते हैं। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति कई सालों (6 से 10 वर्ष) तक सामान्य प्रतीत होता है और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरों को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
यह विषाणु मुख्यतः
शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्स) व मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हें नष्ट करता रहता है। कुछ सालों बाद (6 से 10 वर्ष) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता औऱ तरह-तरह के संक्रमण का शिकार होने लगता है। इस अवस्था को एड्स कहते हैं।
एड्स रोग कैसे फैलता है?
- संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क से
- संक्रमित सिरिंज व सुई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से
- एच.आई.वी. संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से
- एच.आई.वी संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय या प्रसव के शीघ्र बाद
ऐसे नहीं फैलता
संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंधो से जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही बोतल का पानी पीने, एक ही बिस्तर और कपड़ों के प्रयोग, एक ही घर में रहने, एक ही शौचालय का प्रयोग करने से यह रोग नहीं फैलता है।
एड्स से बचाव
- जीवन साथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नहीं रखें।
- यौन संपर्क के समय निरोध का प्रयोग करें।
- मादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सुई का प्रयोग न करें।
- एड्स पीड़ित महिलाएं गर्भधारण न करें क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है।
- रक्त की आवश्यकता होने पर अंजान व्यक्ति का रक्त न लें और सुरक्षित रक्त के लिए एच.आई.वी जांच किया रक्त ही ग्रहण करें।
- डिस्पोजेबल सिरिंज एवं सुई और अन्य चिकित्सीय उपकरणों को 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणुरहित करके ही उपयोग में लाएं और दूसरे व्यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्लेड बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें।
एच.आई.वी संक्रमण पश्चात लक्षण
एच.आई.वी पॉजिटिव व्यक्ति में 7 से 10 साल बाद विभिन्न बीमारियों के लक्षण पैदा हो जाते हैं जिनमें ये लक्षण प्रमुख रूप से दिखाई पड़ते हैं:-
- गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना
- लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना
- कई हफ्ते बुखार रहना
- हफ्ते खांसी रहना
- अकारण वजन घटते जाना
- मुंह में घाव हो जाना
- त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले चकते हो जाना
किसी व्यक्ति को देखने से एच.आई.वी संक्रमण का पता नहीं लग सकता, जब तक कि ब्लड टेस्ट न किया जाए।
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