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क्या कोरोना वायरस के टीके का जल्द होगा परीक्षण? जानें-विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट

टेड्रोस ने वैज्ञानिकों के उन टिप्पणियों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन का जांच केंद्र अफ्रीका होगा।

By Umanath SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 01:48 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 01:48 PM (IST)
क्या कोरोना वायरस के टीके का जल्द होगा परीक्षण? जानें-विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
क्या कोरोना वायरस के टीके का जल्द होगा परीक्षण? जानें-विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रबंध निदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि अफ्रीका किसी भी कीमत पर कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण या जांच की जगह नहीं बनेगा। टेड्रोस ने सोमवार को जेनेवा में  समाचार एजेंसी सिन्हुआ को यह जानकारी दी।इसके आगे उन्होंने कहा कि हम किसी भी वैक्सीन या चिकित्सीय परीक्षण करने के लिए सभी नियमों का पालन करेंगे। इसके लिए हम कोई भी उपयुक्त जगह का चयन कर सकते हैं, लेकिन अफ्रीका को जांच का मैदान नहीं बनाएंगे और न ही अफ्रीका में जांच कर सकते हैं।

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टेड्रोस ने वैज्ञानिकों के उन टिप्पणियों का खंडन किया है, जिसमें साफ-साफ़ कहा गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन का जांच केंद्र अफ्रीका होगा। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक या कोलोनियल मानसिकता से बाहर आने की ज़रूरत है।

इससे पहले फ्रांस में एक टीवी डिबेट के दौरान दो डॉक्टरों ने दावा किया था कि अगर तपेदिक का टीका कोरोना वायरस के सफल इलाज में संभव हो जाता है तो इसकी पहली जांच अफ्रीका में किया जाएगा। डॉक्टरों के इस बयान के कारण उन पर नस्लभेद का आरोप लगा है।

उन्होंने फ्रांस के डॉक्टरों के "नस्लवादी बयान" की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह अफ्रीका में नहीं होगा और न ही किसी और देश में होगा। इसके लिए उपयुक्त शिष्टाचार अपनाया जाएगा। इंसान के साथ इंसानों की तरह व्यवहार किया जाएगा।

टेड्रोस ने आगे कहा कि इस सप्ताह के अंत तक कोरोना वायरस से लड़ने की पहल को और तेज़ किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोरोना वायरस महामारी के लिए उपयुक्त वैक्सीन का "सामान वितरण' किया जाएगा।

इसके आगे उन्होंने जोड़ते हुए कहा कि हमें वैक्सीन ढूंढते समय एक परेशानी आ सकती है। ये परेशानी वैक्सीन के वितरण को लेकर है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी उपचार में तेजी लाने के लिए 70 से अधिक देश WHO की सॉलिडैरिटी ट्रायल में शामिल हुए हैं। वहीं, 20 संस्थान और कंपनियां कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम कर रही हैं।


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