Drink Water Immediately After Eating: खाने के तुरंत बाद पानी पीना क्यों है ग़लत?
Drinking Water Immediately After Eating आपने कई बार सुना होगा कि खाने के फौरन बाद पानी पीना ग़लत है।क्योंकि खाने के बीच या तुरंत बाद पानी पीने से पाचनक्रिया प्रभावित होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Drinking Water Immediately After Eating: कई बार घर में बड़े आपको खाना खाने के साथ या फिर तुरंत बाद पानी पर टोकते होंगे। आपने वैसे भी ये कई बार सुना होगा कि खाने के फौरन बाद पानी पीना ग़लत होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि खाने के बीच या तुरंत बाद पानी पीने से आपकी पाचनक्रिया में खलल होता है। इसलिए कहा जाता है कि पानी कुछ देर रुक्कर पिएं। इसके अलावा भी कई वजह हैं जो आपके ये करने से रोकती हैं। तो आइए जानते हैं कि ये आखिर क्यों ग़लत है।
खाने के बाद क्यों नहीं पीना चाहिए पानी
1. खाने के बाद पानी पीने से आपकी पाचन क्रिया में परेशानी हो सकती है।
2. खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से गैस और एसिड जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. यहां तक कि न्यूट्रिशनिस्ट भी यही कहते हैं कि जो भी आप खाते हैं उसे पचाने में तकरीबन दो घंटे का समय लगता है। खाना आपकी भोजन-नली यानी इसोफेगस से होकर पेट तक जाता है। इसके बाद वह मल के रूप में बाहर निलकने से पहले आंत में जाता है। इस दौरान पेट में बने तरल, पाचन में मदद करने का काम करते हैं। तो अगर आप खाने के दौरान या तुरंत बाद पानी पी लेंगे तो यह प्रक्रिया प्रभावित होती है।
4. खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना खाना पचाने के लिए ज़रूरी तापमान को प्रभावित कर सकता है। पानी पी लेने से आपके शरीर का तापमान बदल जाता है इसलिए ज़रूरी है कि आप खाना खाने के 30 मिनट तक पानी न पीएं। इससे पाचन बेहतर होगा।
5. खाने में मौजूद प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए शरीर को समय देना चाहिए। खाने के तुरंत बाद पानी पी लेने से इस प्रक्रिया पर असर पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि खाना खाने के करीब 30 मिनट से एक घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए।
6. जब आप खाने के बाद पानी पी लेते हैं तो खाना जल्दी पेट से आंत तक पहुंच जाता है और आपके शरीर को भोजन में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
7. पानी पीने से पाचन क्रिया में रुकावट होती है और इस तरह से होने वाली पाचन क्रिया पेट में अपने पीछे बहुत सा भोजन छोड़ देती है। जो पेट में रहते हुए ग्लूकोज़ बनाता है और फैट में बदल जाता है। इस प्रक्रिया से आपको गैर ज़रूरी इंसुलिन बनने की प्रक्रिया भी शुरू होती है जो ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है और डायबिटीज़ जैसी परेशानियां पैदा कर सकती है।