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Hydroxychloroquine: आखिर क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल?

What Is Hydroxychloroquine हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 05:57 PM (IST)
Hydroxychloroquine: आखिर क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल?
Hydroxychloroquine: आखिर क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। What Is Hydroxychloroquine: इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। इस वक्त इस ख़तरनाक बीमारी के कहर की मार सबसे ज़्यादा अमेरिका पर दिख रही है। अमेरिका में अभी तक करीब 4 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, वहीं, लगभग 13 हज़ार लोगों की कोरोना वायरस की वजह से जान जा चुकी है। अमेरिका की टॉप मेडिकल रिसर्च टीम इसका इलाज और वैक्सीन को जल्द से जल्द तैयार करने में लगी है।

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इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कई दवाइयों को लेकर दावा किया है कि ये कोरोना वायरस के इलाज में कारगर साबित हो सकती हैं। मार्च में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने COVID-19 के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया था। ट्रम्प ने इस दवा के बारे में बात करते हुए कहा था, "मुझे यकीन है कि ये दवाई काम आएगी और हमें इसे आज़मा कर देखना चाहिए।"

ट्रम्प के एक बयान के बाद एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ख़बरों में छा गई है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीते दिनों फोन पर कोरोना वायरस पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार माने जाने वाली दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई फिर शुरू करने को कहा, लेकिन अब दो दिन के बाद ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत ये मदद नहीं करता तो फिर उसका करारा जवाब दिया जाएगा। हालांकि, इस ब्यान के कुछ घंटों बाद भारत ने कहा कि वह बाकी देशों के साथ ये एंटी-मलेरिया ड्रग शेयर करने के लिए तैयार है। 

क्या है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस दवा का आविष्कार किया गया था। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ल्यूपस सेंटर के अनुसार, मलेरिया रोधी दवा ने मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, स्किन रैशेज़, इंफ्लेमेशन ऑफ हर्ट, लंग लाइनिंग, थकान और बुखार जैसे लक्षणों में सुधार दिखाया है। 

और अब ऐसा माना जा रहा है कि ये दवा कोरोना वायरस के इलाज में भी काफी कारगार साबित हो सकती है। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह का क्लीनिकल ट्रायल या परीक्षण नहीं हुआ है, जिसमें ये पूरी तरह से साबित हो कि ये दवा जिसका इस्तेमाल रूमटॉइड गठिया में भी किया जाता है, वाकई कोरोना वायरस के इलाज में भी प्रभावी हो सकती है। 

एक छोटे से फ्रेंच शोध में कहा गया था हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन COVID-19 के इलाज में काम आ सकती है। जिसके बाद यूएस के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने इस दवा को कोरोना वायरस के खिलाफ एक गेम चेंजर कहा था। 

क्या इसका उपयोग सुरक्षित है?

कुछ दिनों पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी Covid-19 के उपचार के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के उपयोग का सुझाव दिया था। हालांकि, इस दवा के साइड इफेक्ट भी हैं। दवा के साइड इफेक्ट्स में हार्ट ब्लॉक, हार्ट रिदम डिस्टर्बेंस, चक्कर आना, जी मिचलाना, मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं। इसके अलावा इस दवा को अधिक या इसकी ओवरडोज़ लेने से दौरे भी पड़ सकते हैं या मरीज़ बेहोश हो सकता है। 


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