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Bird Flu In Humans: क्या इंसानों के लिए जानलेवा है बर्ड फ्लू, क्या है इसका इलाज?

Bird Flu In Humans बर्ड फ्लू की बीमारी एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस H5N1 की वजह से होती है। एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो इन्फ्लुएंज़ा टाइप-ए वायरस के कारण होती है और आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसी पक्षियों को प्रभावित करती है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 05:01 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 05:01 PM (IST)
Bird Flu In Humans: क्या इंसानों के लिए जानलेवा है बर्ड फ्लू, क्या है इसका इलाज?
क्या इंसानों के लिए जानलेवा है बर्ड फ्लू, क्या है इसका इलाज?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Bird Flu In Humans: बर्ड फ्लू का कहर फैलते ही पोल्ट्री बेचने वालों ने भी अतिरिक्त सावधानियां बरतनी शुरू कर दी हैं।  राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल जैसे चार राज्यों में 12 एपीसेंटर पाए गए हैं, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टी की गई है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में कौओं, हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों में, और केरल में मुर्गी और बत्तखों में खूंखार संक्रमण की पुष्टि की गई है।

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इस बीच, कई अन्य राज्यों से पक्षियों की रहस्यमय तरीके से मौत की रिपोर्ट की वजह से देश भर में दहशत फैल गई है, जहां लोग अभी भी कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी के बारे में जानना बेहद ज़रूरी हो गया है।

क्या है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू की बीमारी एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लुएंज़ा टाइप-ए वायरस के कारण होती है और आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसी पक्षियों को प्रभावित करती है। यह वायरस पक्षियों के अलावा इंसानों को भी अपना शिकार बनाता है। बर्ड फ्लू इंफेक्शन मुर्गी, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेज़ी से फैलता है। यह इन्फ्लूएंज़ा वायरस इतना ख़तरनाक होता है कि इससे इंसान और पक्षियों की मौत भी हो सकती है। अभी तक बर्ड फ्लू का बड़ा कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान को भी हो जाता है।

कोरोना वायरस की तरह इंफ्लूएंज़ा-ए वायरस के भी कई स्ट्रेन होते हैं। कुछ बेहद हल्के किस्म के होते हैं, जो पक्षियों की अंडे देने की क्षमता को प्रभावित करते हैं, वहीं, कुछ स्ट्रेन जानलेवा साबित होते हैं। आमतौर पर कई तरह के पक्षियों के सिस्टम में ये वायरस होता है, लेकिन किसी तरह की बीमारी पैदा नहीं करता और मल के माध्यम से शरीर से निकल भी जाता है। वहीं, कई मामलों में ये वायरस पक्षियों के मल के माध्यम से सुअर, घोड़े, बिल्ली और कुत्तों जैसे जानवरों में फैल जाता है।

ये वायरस आमतौर पर लंबा सफर तय करने वाले प्रवासी पक्षियों के ज़रिए दूसरे देश की स्थानिय पक्षियों में भी फैलता है। भारत में सर्दियों में मौसम में आने वाले प्रवासी पक्षी इस बीमारी को फैलाने के मुख्य कारण माने जाते हैं।

क्या बर्ड फ्लू इंसानों में आसानी से फैल जाता है?

नहीं ये आसानी से इंसानों में नहीं फैलता। आमतौर पर अगर इंसान किसी ऐसे पक्षी के संपर्क में आए जो H5N1 से संक्रमित हो (ज़िंदा या मृत), तो उन्हें भी बर्ड फ्लू हो सकता है। WHO के अनुसार, आमतौर पर बर्ड फ्लू एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता। ऐसे भी कोई मामले सामने नहीं आए हैं, जहां लोगों को अच्छी तरह पकाए हुए मुर्गे या उसके अंडे खाकर बर्ड फ्लू हुआ हो। ये वायरस गर्म तापमान सहन नहीं कर सकता, इसलिए पकाए जाने पर मर जाता है। 

फिर क्यों बर्ड फ्लू से डर रहे हैं लोग?

H5N1 एक गंभीर और जानलेवा वायरस है, जिसकी वजह से 10 में 6 इंसानों अभी तक मौत हो चुकी है। अगर वायरस म्यूटेट हो जाता है और अपने आकार में बदलाव कर इंसानी सेल को पकड़ लेता है और इंसान से इंसान में आसानी से फैलने लगता है, तो ये एक महामारी का रूप भी ले सकता है। फ्लू के वायरस आसानी से म्यूटेट कर जाते हैं, क्योंकि उनमें  खंडित जीनोम होता है। अभी तक हम जितने भी फ्लू के बारे में जानते हैं, जैसे मौसमी फ्लू और कोरोना वायरस, इसी तरह म्यूटेट करके पक्षियों से इंसानों में फैलने शुरू हो गए। 

कितना जानलेवा है बर्ड फ्लू? क्या है इसका इलाज?

बर्ड फ्लू मनुष्यों में काफी दुर्लभ है, लेकिन अगर ये संक्रमण हो जाए, तो जानलेवा भी साबित हो सकता है। WHO के मुताबिक, H5N1 से जो संक्रमित हुए हैं, उनमें से 60 प्रतिशत की मृत्यु हुई है। हालांकि, एसिम्पटोमैटिक मामले इस आंकडे में शामिल नहीं हैं। 

इसके इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय एंटीवायरल दवाओं की सलाह देता है, खासतौर, पर ओसेलटमेविर (टैमीफ्लू), जिससे रोगी की जान बचने के आसार बढ़ जाते हैं। कई मामलों में बर्ड फ्लू संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है और रोगी को अस्पताल भर्ती कराना पड़ता है। इसलिए मंत्रालय ने खासतौर पर पोल्ट्री में काम करने वाले लोगों को PPE किट का इस्तेमाल करने और साथ ही हाथों की स्वच्छता बनाए रखना की सलाह दी है। 


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