जानें, तनाव से बचने के लिए जापानी डाइट कैसे है सबसे बेस्ट!
कई शोधों से पता चला है कि जापान में पुरुष और महिलाओं की औसतन आयु सबसे अधिक है। जापान में पुरुष की औसतन आयु 81 वर्ष है। जबकि महिलाओं की औसतन आयु तकरीबन 87 वर्ष है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बदलते परिवेश में स्वस्थ रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसका असर मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है। इसके चलते लोग चिंता और तनाव में जीने लगते हैं। खासकर विषम परिस्थिति में व्यक्ति का मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है और वह काल्पनिक दुनिया में जीने लगता है। धीरे-धीरे यह चिंता अवसाद में तब्दील होने लगता है। विशेषज्ञों की मानें तो तनाव एक विकार है जो व्यक्ति के मन में घर कर जाता है। उसे ऐसा लगता है, मानो सब कुछ खत्म हो गया है, लेकिन यह समय उसकी इच्छा शक्ति की परीक्षा का होता है। अगर वह पास हो जाता है, तो जिंदगी हसीन और रंगीन हो जाती है। जबकि फेल होने पर गमगीन हो जाती है।
इसके लिए जरूरी है कि खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। साथ ही विचारों में सकारात्मकता लाएं। इससे आपके जीवन में नया सवेरा जरूर आएगा। अगर आप भी तनाव और अवसाद में जीते हैं, तो आपको अपनी डाइट में बदलाव करने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि किस प्रकार की डाइट लेने से आप टेंशन फ्री रह सकते हैं-
कई शोधों से पता चला है कि जापान में पुरुष और महिलाओं की औसतन आयु सबसे अधिक है। जापान में पुरुष की औसतन आयु 81 वर्ष है। जबकि महिलाओं की औसतन आयु तकरीबन 87 वर्ष है। इस साल जापान में संभावित औसतन आयु 84.67 वर्ष है जो हॉन्ग कॉन्ग से महज कुछ कम है। आसान शब्दों में कहें तो जापान के लोग सबसे अधिक जीते हैं। इस विषय पर कई शोध किए गए हैं। इन शोधों से पता चलता है कि जापान में सेहत पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए जापान के लोग अपनी डाइट में केवल उन चीज़ों को जोड़ते हैं जो उन्हें स्वस्थ और खुश रखते हैं।
विषम परिस्थिति में भी जापान के लोग बाहर का खाना नहीं खाते हैं, बल्कि घर के बने खानों पर ही निर्भर रहते हैं। साथ ही अपनी डाइट में सूशी, समुद्री मछलियों और साबुत अनाज का अधिक इस्तेमाल करते हैं। जबकि तनाव को कम करने के लिए चाय पीते हैं। जापान में माचा चाय को दवा माना जाता है। ऐसे में जरूरी है कि तनाव और अवसाद से जूझ रहे लोगों को जापानी डाइट का जरूर फॉलो करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।