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Covid-19 or Oxygen: कोविड के किन मरीज़ों पर काम करता है ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर, जानिए अंतर

Oxygen Cylinder and Concentrator Different ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह काम करता है।यह एक पोर्टेबल मशीन है जिससे हवा को खींचा जाता है। इसके बाद इस हवा से नाइट्रोजन कार्बन सहित अन्य गैसों को बाहर निकाल कर नजल ट्यूब या मास्क के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 03:32 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 03:32 PM (IST)
Covid-19 or Oxygen: कोविड के किन मरीज़ों पर काम करता है ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर, जानिए अंतर
ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर दोनों ही मरीज़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ती करते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने तबाही मचाई हुई है। इस संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों का आंकड़ा चार लाख को पार कर चुका है। देशभर में कोविड के मरीज़ों में आक्सीजन का स्तर घटने से लगातार मौतों के मामले सामने आ रहे हैं। इस समय ऑक्सीजन की कमी देश के लिए सबसे बड़ी किल्लत साबित हो रही है। पूरी दुनिया से ऑक्सीजन की कमी की आपूर्ति करने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है, तब भी डिमांड पूरी नहीं हो रही।

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अस्पताल कोविड रोगियों से भरे पड़े हैं, इसलिए कई लोग घर पर ही इलाज कर रहे हैं और उन्हें घर में ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। कोविड के मरीज़ों की घर में देखभाल करने के लिए कुछ लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर या ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की व्यवस्था कर ली है, ताकि वो अपने मरीज़ों की बेहतर तरीके से निगरानी कर सकें। आप जानते हैं कि ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर में क्या अंतर है? कोरोना के किन मरीज़ों पर ये काम करते हैं।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर:

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह काम करता है। ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर एक पोर्टेबल मशीन है जिससे हवा को खींचा जाता है। इसके बाद इस हवा से नाइट्रोजन, कार्बन सहित अन्य गैसों को बाहर निकाल दिया जाता है और नजल ट्यूब या मास्क के जरिए शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया साथ-साथ चलती है। ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर बिजली से चलता है, इसलिए जब तक बिजली है ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहेगी।

कितनी तरह के होते है ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर:

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर दो तरह के होते हैं, एक लगातार फ्लो वाला कंसेंट्रेटर दूसरा पल्स वाला कंसेंट्रेटर। लगातार बहाव वाले कंसेंट्रेटर को जब तक बंद नहीं किया जाए तब तक एक ही फ्लो में ऑक्सीजन की सप्लाई करता रहता है। जबकि पल्स वाला कंसेंट्रेटर मरीज के ब्रीदिंग पैटर्न को समझकर जितनी जरूरत होती है, उतनी ही ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पोर्टेबल होता है, इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर के मुकाबले इसे कहीं भी ले जाने में आसानी होती है।

गंभीर मरीजों पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर कारगर नहीं:

बेशक ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को ले जाने और लाने में आसानी होती है, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए यह कारगर नहीं होता। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ जिसे कोरोना हो गया है और बॉडी में ऑक्सीजन की कमी हो गई है तो ऐसे मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर काम नहीं करता।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से प्रति मिनट 5-10 लीटर ऑक्सीजन की सप्लाई होती है जो गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं है। इन मरीज़ों के लिए प्रति मिनट इससे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जब ऑक्सीजन सेचुरेटेड 92 प्रतिशत से नीचे आ जाए तो दोनों में से किसी एक से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की जा सकती है।

ऑक्सीजन सिलेंडर:

ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद इसे फिर से रिफिल करना होगा यानी ऑक्सीजन प्लांट पर ले जाकर सिलेंडर में फिर से ऑक्सीजन भरना होगा।

                       Written By: Shahina Noor


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