Move to Jagran APP

Type-2 Diabetes: शोध में खुलासा, लाइफस्टाइल की ये एक आदत बढ़ाती है डायबिटीज़ का ख़तरा!

Type-2 Diabetes डायबिटीज़ हालांकि एक ऐसी स्थिति है जो मृत्यु दर और अन्य बीमारियों के जोखिम को बढ़ाती है और वास्तव में यह हमारी रोज़ाना की आदतों जैसे आहार और जीवन शैली से उत्पन्न होती है। इस स्थिति से बचने के लिए हमें अपनी डाइट में अहम बदलाव करने होंगे।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 09:29 AM (IST)
Type-2 Diabetes: शोध में खुलासा, लाइफस्टाइल की ये एक आदत बढ़ाती है डायबिटीज़ का ख़तरा!
शोध में खुलासा, लाइफस्टाइल की ये एक आदत बढ़ाती है डायबिटीज़ का ख़तरा!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Type-2 Diabetes: पिछले दो सालों में भले ही कोविड-19 महामारी ने लाखों लोगों की जान ली हो, लेकिन आंकड़े देखें तो टाइप-2 डायबिटीज़ छिपा हत्यारा निकला, जिससे कोरोना वायरस की तुलना में तीन गुना अधिक मौतें हुईं।

loksabha election banner

टाइप -2 डायबिटीज़, हालांकि एक ऐसी स्थिति है, जो मृत्यु दर और अन्य बीमारियों के जोखिम को बढ़ाती है, और वास्तव में यह हमारी रोज़ाना की आदतों जैसे आहार और जीवन शैली से उत्पन्न होती है। इस स्थिति से बचने के लिए हमें अपनी डाइट में अहम बदलाव करने होंगे। आइए जानें खाने की किन चीज़ों से दूरी बनानी चाहिए।

सेहत पर कैसे असर करती है डायबिटीज़?

मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर शर्करा यानी ग्लूकोज़ को ठीक से संसाधित करने में विफल रहता है। जब एक ऐसा व्यक्ति चीनी खाता है जिसे मधुमेह नहीं है, तो अग्न्याशय इंसुलिन छोड़ता है, जो उसी घटक को ग्लूकोज़ में तोड़कर ऊर्जा में बदल देता है। मधुमेह से प्रभावित होने पर, अग्न्याशय या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या शरीर इसके लिए प्रतिरोधी हो जाता है, जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। समय के साथ, उच्च रक्त शर्करा का स्तर धमनियों को प्रभावित कर सकता है और हृदय रोग, स्ट्रोक और आंखों की समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है और गंभीर मामलों में एम्प्यूटेशन का जोखिम भी बढ़ा सकता है।

कौन-सी आदत टाइप -2 मधुमेह का एक प्रमुख जोखिम बनती है?

टाइप -2 मधुमेह के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है चीनी का सेवन - चाहे वह मिठाई के रूप में हो या कार्बोनेटेड ड्रिंक के ज़रिए। जब चीनी का सेवन समय के साथ अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह इंसुलिन और रक्त शर्करा के संतुलन को बिगाड़ सकता है जिससे मधुमेह हो सकता है। इसलिए, अग्न्याशय या इंसुलिन की आपूर्ति पर दबाव न डालने का सबसे आसान तरीका चीनी की खपत को कम करना या उसका प्रबंधन करना।

जबकि फलों में फ्रुक्टोज़ के रूप में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो सीमित मात्रा में स्वस्थ होती है; चीनी-मीठे ड्रिंक्स, कार्बोनेटेड सोडा, रिफाइन्ड कार्ब्स जैसे कुकीज़, चिप्स, ब्रेड और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स में उच्च मात्रा में परिष्कृत शर्करा होती है, जो किसी भी तरह से आपके स्वास्थ्य को लाभ नहीं पहुंचा सकती है। इन हानिकारक फूड्स की जगह साबुत अनाज, सब्ज़ियां और ओट्स को शामिल करें।

डायबिटिक लोगों को इन फूड्स से रहना चाहिए दूर

जब बात आती है चीनी के सेवन को कम करने की तो सोडा जैसे मीठे ड्रिंक्स को सबसे पहले डाइट से बाहर निकालना चाहिए। एक गिलास मीठे सोडा में 39 ग्राम चीनी होती है, जो एक व्यक्ति को दिन में जितनी ज़रूरत होती है, उससे कहीं अधिक है। हेल्दी डाइट के साथ व्यायाम करते हैं, तो आपकी सेहत अच्छी रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.