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किसी 'आतंकी' से कम नहीं है मच्छर, ये आंकड़े बताएंगे कितना है खतरनाक?

हर साल करीब दस लाख लोग मच्छरों से होने वाली बीमारियों से मरते हैं। ऐसे में जानते हैं यह छोटा सा दिखने वाला मच्छर इंसानों के लिए कितना खतरनाक होता है...

By Mohit PareekEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 03:50 PM (IST)
किसी 'आतंकी' से कम नहीं है मच्छर, ये आंकड़े बताएंगे कितना है खतरनाक?
किसी 'आतंकी' से कम नहीं है मच्छर, ये आंकड़े बताएंगे कितना है खतरनाक?

नई दिल्ली, जेएनएन। मच्छर एक ऐसा जीव है, जिससे होने वाले नुकसान को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन देश-दुनिया में सबसे ज्यादा मौत की वजह मच्छर ही है। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो एक आतंकियों के हमले से ज्यादा मौतें मच्छर के काटने से हो जाती है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हर साल करीब दस लाख लोग मच्छरों से होने वाली बीमारियों से मरते हैं। ऐसे में जानते हैं यह छोटा सा दिखने वाला मच्छर इंसानों के लिए कितना खतरनाक होता है...

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- दुनिया में करोड़ों लोग मच्छर के काटने से बीमार हो जाते हैं और पूरी दुनिया में जानलेवा जीवों में मच्छर सबसे खतरनाक प्रजाति है।

- भारत में भी हर साल हजारों लोग मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों की वजह से मर जाते हैं। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो हर साल करीब 10 लाख लोग मच्छर काटने से मर जाते हैं। वहीं भारत में मच्छर से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया जाता है।

- मच्छर का औसत जीवन चक्र तीन महीने का होता है। नर मच्छर तो केवल 10 दिन ही जीवित रहते हैं। मरने से पहले मादा मच्छर 500 अंडे तक दे सकती है। वहीं एक मच्छर एक सेकंड में 500 बार अपने पंखों को फड़फड़ाता है।

- डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस जैसी बीमारियां जो मच्छरों के जरिए ही एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलती हैं। इन वायरस खासकर जीका की वजह से दक्षिण अमरीकी देशों में कई हजार बच्चे ऐसे पैदा हुए हैं, जिनके मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए।

- दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हज़ार 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन इनमें से ज़्यादातर नस्लें इसानों को बिल्कुल परेशान नहीं करतीं। ये वो मच्छर हैं जो सिर्फ फलों और पौधों के रस पर जिंदा रहते हैं।

- बता दें कि सिर्फ मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती हैं, जबकि नर मच्छर पेड़-पौधों के रस से काम चला लेते हैं। 


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