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Healthcare Heroes Award: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा श्रेणी में Sukhibhava Foundation ने जीते अवॉर्ड

संस्था ने काम करने के लिए हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं जहां टीम के सदस्यों ने कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को मुफ्त मासिक धर्म और यौन प्रजनन स्वास्थ्य ज्ञान और टेली-स्त्री रोग परामर्श देने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:33 PM (IST)
Healthcare Heroes Award: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा श्रेणी में Sukhibhava Foundation ने जीते अवॉर्ड
भारत में कई हिस्सों में आज भी पीरियड्स को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जागरण न्यू मीडिया और Onlymyhealth.com द्वारा आयोजित हेल्थकेयर हीरोज़ अवॉर्ड 2020 में सुखीभव् फाउंडेशन ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में HealthCare Heroes Awards जीता है। यह पुरस्कार Onlymyhealth.com द्वारा आयोजित एक वर्चुअल समारोह में दिया गया। आइए सुखीभव् फाउंडेशन के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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भारत में कई हिस्सों में आज भी पीरियड्स को लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं। ऐसे में सुखीभव् लोगों में खास कर ग्रामीण इलाकों में पीरियड्स को लेकर इन भ्रांतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। इतना ही नहीं से संस्था कोरोनावायरस महामारी के वक्त भी रुकी नहीं और गांव-गांव जाकर इन्होंने काम किया। इस दौरान इस संस्था ने न सिर्फ महिलाओं को पीरियड्स को लेकर बात की, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर Covid19 महामारी के प्रभावों को भी जानने की कोशिश की। इस संस्था ने महामारी के दौरान महिलाओं की चुनौतियों का भी विश्लेशण किया। इस दौरान संस्थान इस बात को भी जानने की कोशिश की महामारी के दौरान महिलाओं तक सैनिटरी नैपकिन और बाकी जरूर की चीजें पहुंची या नहीं।

पीरियड्स की रूढ़ियों को तोड़ता 'हैलो सहेली'

इतना ही नहीं सुखीभव् मासिक धर्म से जुड़े रूढ़िवादी भावनाओं को बदलने के लिए 'हैलो सहेली' नाम का जागरूकता अभियान भी चला रही है। इसमें ये 4 तरीके मुंख्य बिंदुओं की मदद से ग्रामीण महिलाओं कर अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करते हैं।

    - इनकी पहली पहल जागरूकता ऑडियो जिंगल्स का निर्माण था, जिसे महिलाएं अपने फोन पर प्राप्त करने का विकल्प चुन सकती हैं।

    -दूसरी, स्थानीय भाषाओं में मासिक धर्म और यौन स्वास्थ्य हेल्पलाइन भी शुरू की गईं, जहां पीरियड्य में दर्द  अनियमितताओं, स्वच्छता और पोषण पर विश्वसनीय जानकारी प्रदान करती है।

    - तीसरी पहल थी एक हेल्पलाइन नंबर है, जो कि मान्यता प्राप्त डॉक्टरों से कॉलर्स को जोड़ता है और महिलाओं को टेली-परामर्श प्रदान करने मदद करती है।

    - सुखीभवा का चौथा ध्यान जेंडर इशूज को लेकर लोगों को जागरूक करना है।

संस्था ने काम करने के लिए हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं, जहां टीम के सदस्यों ने कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को मुफ्त मासिक धर्म और यौन प्रजनन स्वास्थ्य ज्ञान और टेली-स्त्री रोग परामर्श देने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया है। यहां अपनी पसंदीदा भाषाओं में महिलाओं बात करती हैं, जिनमें तमिल, कनाड़ा और अंग्रेजी शामिल हैं। इन सबको करने में सुखीभव् को बहुत मेहनत लगी है। सुखीभावा कठिन समय में महिलाओं की लड़ाई में मदद कर रही है और उन्हें समाज को जागरूक बना रही है। उनके इस नेक प्रयास को और प्रोत्साहित करने के लिए,  उन्हें अपना वोट दें। यहां आप जागरण न्यू मीडिया और ओनली माई हेल्थ हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड्स में अपनी पसंदीदा नामांकित कहानी के लिए वोट कर सकते हैं।


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