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Skin Health Tips: क्या आपका मोबाइल और लैपटॉप बना रहा है आपको वक्त से पहले बूढ़ा?

Skin Health Tips दिन भर गैजेट्स से निकलती ब्लू लाइट आपकी नाज़ुक त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आपको कमज़ोर और बूढ़ा बना सकती है। आइए जानें कि टेक्नोलॉजी कैसे आपके शरीर के साथ त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है और आप इससे कैसे बच सकते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 11:05 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 11:05 AM (IST)
Skin Health Tips: क्या आपका मोबाइल और लैपटॉप बना रहा है आपको वक्त से पहले बूढ़ा?
क्या आपका मोबाइल और लैपटॉप बना रहा है आपको वक्त से पहले बूढ़ा?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Health Tips: सारा दिन लैपटॉप औप मोबाइल फोन्स पर काम करने से आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। ये आपकी हाथों की मांसपेशियों में तनाव पैदा करता है, आंखों को रूखा बनाता है, गर्दन में दर्द और वज़न बढ़ने की वजह भी बनता है। इसके अलावा, बिना ब्रेक लिए लगातार गैजेट्स का उपयोग करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, जिससे मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन हो सकता है।

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इन सभी दुष्परिणामों के अलावा, दिन भर गैजेट्स से निकलती ब्लू लाइट आपकी नाज़ुक त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आपको कमज़ोर और बूढ़ा बना सकती है। आइए जानें कि टेक्नोलॉजी कैसे आपके शरीर के साथ त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है और आप इससे कैसे बच सकते हैं।

लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट क्यों है ख़तरनाक?

आपकी त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाला कथित अपराधी है, हाई-एनर्जी विज़िबल लाइट (HEV) जिसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा उत्सर्जित नीली रोशनी के रूप में भी जाना जाता है।

नीली रोशनी सूरज की किरणों, ट्यूबलाइट से निकलने वाली रोशनी, एलईडी और टीवी स्क्रीन, स्मार्टफोन सहित टैबलेट और कंप्यूटर जैसे सभी तरह के गैजेट्स में भी मौजूद होती है। लेकिन आपके लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन से त्वचा कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने का ख़तरा अधिक होता है, क्योंकि वे दूसरों की तुलना में आपके चेहरे के करीब होते हैं।

पहले, लोग यूवी किरणों के बारे में चिंतित रहते थे, जो दिखती नहीं हैं। लेकिन ऐसा माना जाता था कि यह त्वचा कैंसर का कारण बनती हैं। अब कई अध्ययनों से पता चला है कि ठंडी-टोन वाली नीली रोशनी भी त्वचा के लिए समान रूप से हानिकारक हो सकती है।

त्वचा को कैसे नुकसान पहुंचाती है ब्लू लाइट?

पहले, ऐसा माना जाता था कि ब्लू लाइट की वजह से सिर्फ नींद न आना और आंखों की रोशनी ही प्रभावित होती है। लेकिन हाल ही में पता चला है कि यह लाइट त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है।

सूर्य की यूवी किरणें सीधे सेल डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं, जबकि नीली रोशनी ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करके कोलेजन को नष्ट कर देती है। जब हमारी त्वचा में मौजूद रसायन नीली रोशनी को अवशोषित कर लेते हैं, एक प्रतिक्रिया होती है, जिससे अस्थिर ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। वे कोलेजन में छोटे छेद बनाते हैं, जिससे आप बूढ़े दिखने लगते हैं।

अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि नीली रोशनी से हाइपरपिग्मेंटेशन (त्वचा का रंग बदलना) भी हो सकता है। मध्यम से गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में यह समस्या आम है, जबकि गोरी त्वचा वाले लोगों पर इसका असर कम होता है।

त्वचा को नुकसान पहुंचने से कैसे रोका जाए?

त्वचा को बचाने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी (blue light) की मात्रा को ही सीमित कर दें। लैपटॉप स्क्रीन के लिए, आप एंटी-ब्लू लाइट स्क्रीन ख़रीद सकते हैं, जो इन किरणों से होने वाले नुकसान को सीमित कर सकती है। LED बल्प का इस्तेमाल करें जिससे ब्लू लाइट कम निकती है। स्क्रीन टाइम को कम करें और लैपटॉप का इस्तेमाल करते वक्त थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लेते रहें। अगर आप लैपटॉप, मोबाइल, टैब जैसी चीज़ों का रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं, तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना न भूलें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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