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Heart Attack: फिटनेस फ्रीक थे सिद्धार्थ शुक्ला फिर कैसे हो गए दिल के दौरे के शिकार? जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं

Heart Attack एक्टर सिद्धार्थ फिटनेस फ्रीक थे इसका अनुमान उनकी फिज़ीक को देखकर लगाया जा सकता है। ज़ाहिर है फिर उनकी डाइट भी अच्छी होगी फिर उन्हें दिल का दौरा पड़ने के पीछे क्या वजह हो सकती है आइए जानें 3 एक्सपर्ट्स की राय।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 05:06 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 05:06 PM (IST)
Heart Attack: फिटनेस फ्रीक थे सिद्धार्थ शुक्ला फिर कैसे हो गए दिल के दौरे के शिकार? जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं
फिटनेस फ्रीक थे सिद्धार्थ शुक्ला फिर कैसे हो गए दिल के दौरे के शिकार? जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Attack: गुरुवार सुबह एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला के अचानक हुए निधन से न सिर्फ सिलेब्रिटीज़ बल्कि पूरा देश हिल गया है। सिद्धार्थ सीरियल बालिका वधू से लाइम-लाइम में आए, इसके बाद उन्होंने कुछ फिल्मों में साइड रोल भी किए। लेकिन बिग बॉस और ख़तरे की खिलाड़ी में विनर बनकर वो एक बार फिर कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे थे। सिद्धार्थ सिर्फ 40 साल के थे और इतनी कम उम्र में उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। दिल से जुड़ी बीमारियों को लाइफस्टाइल डिज़ीज़ माना जाता है। यह जेनेटिक भी होती हैं, लेकिन आमतौर पर ख़राब लाइफस्टाइल यानी सही डाइट न लेना और व्यायाम न करने की वजह से होती हैं। हालांकि, एक्टर सिद्धार्थ फिटनेस फ्रीक थे, इसका अनुमान उनकी फिज़ीक को देखकर लगाया जा सकता है। ज़ाहिर है फिर उनकी डाइट भी अच्छी होगी, फिर उन्हें दिल का दौरा पड़ने के पीछे क्या वजह हो सकती है, आइए जानें 3 एक्सपर्ट्स की राय।

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गठीला शरीर अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक नहीं

आकाश हेल्थकेयर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आशीष अग्रवाल ने कहा, "हम हाई कोलेस्ट्रॉल वाले ऐसे मरीज़ों को भी देखते हैं जिनकी उम्र 20 या 30 के बीच होती हैं। दरअसल, विश्व आर्थिक मंच ने अनुमान लगाया है कि कम उम्र में मरने वाले 50 प्रतिशत लोग डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारियों से मरेंगे। कुछ लोगों में ऐसी बीमारियां आनुवांशिक हो सकती है, इसलिए उनमें ख़तरा और बढ़ जाता है। अगर आप सोचते हैं कि अच्छी तरह से बना गठीला शरीर अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है, तो यह सोच ग़लत है। लोगों को हरी सब्ज़ियों और एक्टिव लाइफ़स्टाइल को अमल में लाना चाहिए, शराब से बचना चाहिए और धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए, और कम से कम 7 से 8 घंटे के लिए सोना चाहिए। जिन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट की समास्याएं आनुवांशिक है, उन्हें मिड 30s से वार्षिक जांच के माध्यम से अपने स्वास्थ्य की निगरानी शुरू कर देनी चाहिए।"

तनाव दिल से जुड़ी बीमारी का बड़ा कारण

पारस हेल्थकेयर के कार्डीऐक साइंसेस के चेयरमैन डॉ. एच.के. बाली का कहना है, " अपने करियर के चरम पर रहने वाले युवा एक्टर का इस कदर दुनिया से जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने कुछ युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या को देखा है। इसका प्रमुख कारण लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव हैं। हमारा असामान्य खानपान, एक्सरसाइज़ की कमी और तनाव से हार्ट की बीमारी बढ़ रही है। तनाव हार्ट की समस्या को और ज़्यादा गंभीर बना रहा है। यह तनाव प्रोफेशनल या पर्सनल हो सकता है। युवाओं को अपनी लाइफस्टाइल का ध्यान रखने की ज़रूरत है और अपने तनाव के स्तर को कम करने की ज़रूरत है। तनाव योग, ध्यान और म्यूज़िक सुनने जैसे कई माध्यमों से कम किया जा सकता है। हमें अपने जीवन को प्राथमिकता देने की ज़रूरत है। बाकी समय आने पर सब कुछ ठीक हो जाएगा।

लगातार काम के बीच छुट्टी पर जाना भी है ज़रूरी

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के फाऊंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज, "मैंने देखा है कि गंभीर हार्ट अटैक का सबसे कम उम्र का मरीज केवल 15 वर्ष का था। हम उम्र के 30वें और 40वें दशक में बहुत से युवा मरीज़ों को हार्ट की समस्याओं से पीड़ित देख रहे हैं। गंभीर हार्ट अटैक के मरीज़ में बहुत ज़्यादा गुस्सा, बहुत ज़्यादा तनाव, उचित समय पर भोजन न करना, एक्सरसाइज़ न करने के कारण होते हैं। इसके अलावा तंबाकू, शराब और अन्य नशीले पदार्थों आदि जैसे पदार्थों का दुरुपयोग करने से भी हार्ट की समस्या होती है। इसलिए ज़्यादा दबाव वाली नौकरी, देर रात तक पार्टी करना आदि इस वक्त नई पीढ़ी के लिए बड़ी समस्या है। इस नई पीढ़ी को मेरी सलाह होगी कि कुछ समय के लिए रिलैक्स करें, FOMO के इस डर को दूर कर दें कि आप बहुत सी चीजों को मिस नहीं करेंगे। अगर आप आराम करने के लिए समय निकालते हैं, तो छुट्टी पर जाएं, नदी के किनारे बैठें और कुछ न करें। एक ही समय में बहुत सारे काम करने की कोशिश न करें। अन्यथा, आप भी बीमारियों के शिकार हो जाएंगे। इसलिए बेहतर है कि काम से ब्रेक लें, आराम करें और समय-समय पर रिलेक्स करने बहाने ढूंढ़ते रहें।"


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