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शोध में खुलासा, बिना लक्षण वाले मरीजों में तेजी से खत्म हो रही है एंटीबॉडी

बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों में एंटीबॉडीज जल्दी खत्म हो रही है। जिसकी वजह से उनमें दोबारा कोरोना संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। इंपीरियल कॉलेज लंदन और मार्केट रिसर्च फर्म इम्पोसिस मोरी ने यह शोध अध्ययन किया है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 08:51 AM (IST)
शोध में खुलासा, बिना लक्षण वाले मरीजों में तेजी से खत्म हो रही है एंटीबॉडी
कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहने हुआ परिवार

बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के कई प्रयास चल रहे हैं और साथ ही कई तरह की रिसर्च भी जारी है जिसमें रोज़ाना कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है। लंदन में हुए एक शोध में ऐसी ही जानकारी सामने आई है जो चिंता बढ़ाने वाली है। इसके मुताबिक, बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों में एंटीबॉडीज जल्दी खत्म हो रही है। जिसकी वजह से उनमें दोबारा कोरोना संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। इंपीरियल कॉलेज लंदन और मार्केट रिसर्च फर्म इम्पोसिस मोरी ने यह शोध अध्ययन किया है। 

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इस शोध में इंपीरियल कॉलेज और इम्पोसिस मोरी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि 75 साल या उससे ज्यादा उम्र के मरीजों की तुलना में 18-24 आयुवर्ग के मरीजों की 'लॉस ऑफ एंटीबॉडीज' ज्यादा धीमी है। जून के मध्य से सितंबर के अंत तक इंग्लैंड में जुटाए गए लाखों मरीजों के सैंपल बताते हैं कि एंटीबॉडी वाले लोगों की संख्या लगभग तीन महीने में 26.5 फीसदी तक कम हो गई। इस अध्ययन में 20 जून से 28 सितंबर के बीच कोरोना वायरस एंटीबॉडीज के लिए घर पर तीन राउंड फिंगर प्रिक टेस्ट करवा चुके 3.65 लाख रैंडमली सेलेक्टेड वयस्कों को शामिल किया गया था।

शोधकर्ताओं ने बताया कि तीन महीने के अंतराल में एंटीबॉडी वाले लोगों की संख्या 26.5 फीसदी तक कम हो गई। यानी देश में एंटीबॉडी वाली आबादी का अनुपात छह फीसदी से घटकर 4.4 फीसदी तक रह गया। 

वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि वायरस के प्रति लोगों में लॉन्ग टर्म एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को लेकर अभी भी बहुत कुछ सामने नहीं आ सका है। जेम्स बैथेल ने कहा कि यह शोध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो समय के साथ कोविड-19 के खिलाफ विकसित होने वाली एंटीबॉडी की प्रकृति को समझने में मदद कर सकता है। 

शोधकर्ता हेलेन वॉर्ड ने कहा, "हम पूरी तरह यह नहीं कह सकते हैं कि ऐसे लोग कोरोना के दोबारा संक्रमण का शिकार होंगे या नहीं, लेकिन सभी लोगों को जरूरी सावधानियां बरतनी होगी। जिससे अपने साथ दूसरों के लिए भी संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। 

Pic credit- https://www.freepik.com/free-vector/family-protected-from-virus_8466207.htm#page=1&query=coronavirus&position=22 


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