बढ़ते मोटापे और हाई बीपी के पीछे हो सकती है ये एक बड़ी वजह, जानें कैसे करें इन्हें कंट्रोल
बिज़ी लाइफस्टाइल की वजह से युवा पीढ़ी ऐसी बीमारियों की गिरफ्त में आ रही है जो पहले बुढ़ापे में नज़र आती थीं। क्या है इनका कारण और कैसे करें इनसे बचाव जानेंगे इसके बारे में।
रोज़ाना ट्रैफिक जाम और प्रदूषण झेलते हुए सुबह सही समय पर ऑफिस पहुंचने का तनाव, बच्चों की पढ़ाई और करियर से जुड़ी चिंता, बहुत ही व्यस्त लाइफस्टाइल, अनियमित दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों के कारण आज की युवा पीढ़ी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रही है। क्यों होती हैं ऐसी समस्याएं और क्या है इसका समाधान, जरूरत है इसके बारे में थोड़ा और जानने की और इसे दूर करने की।
मोटापा
यह आजकल एक ऐसी समस्या बन चुकी है, जिससे ज्यादातर लोग परेशान हैं। गौर करने वाली बात यह है कि वे इसे सिर्फ मामूली मोटापा समझते हैं और इसकी गंभीरता को नहीं समझ पाते। जबकि हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी प्रॉब्लम्स की खास वजह ही यही है।
क्या है वजह: आरामदायक लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटीज और एक्सरसाइज़ की कमी, जंक फूड, घी-तेल और चीनी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और एल्कोहॉल का ज्यादा मात्रा में सेवन, अनियमित दिनचर्या आदि। कुल मिला कर लोग जिस मात्रा में कैलरी लेते हैं, उस अनुपात में खर्च नहीं करते। इसी वजह से शरीर में फैट का संग्रह होने लगता है और लोगों का वज़न बढ़ जाता है।
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कैसे करें बचाव:
1. मैदा, घी-तेल, जंक फूड, मिठाइयों, चॉकलेट, केक-पेस्ट्री, सॉफ्ट ड्रिंक्स और एल्कोहॉल से दूर रहें।
2. रोज़ाना के खानपान में भी चीनी का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें। लिफ्ट के बजाय सीढिय़ों का इस्तेमाल करें, छोटी दूरी के लिए पैदल जाना ज्यादा अच्छा ऑप्शन है।
3. सुबह-शाम वॉक और एक्सरसाइज़ के लिए समय ज़रूर निकालें। आजकल कई ऐसे ऐप और रिस्ट बैंड भी अवेलेबल हैं, जो लगातार आपकी फिजिकल एक्टिविटीज की डिटेल रखते हैं। तो इनका इस्तेमाल भी वज़न घटाने में मददगार हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसेल्स की अंदर दीवारों में मौज़ूद एक चिपचिपा पदार्थ होता है। आमतौर पर यह दो तरह का होता है-एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल) यानी गुड और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल) यानी बैड कोलेस्ट्रॉल। गुड कोलेस्ट्रॉल प्रोटीन से भरपूर होता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल में प्रोटीन के बजाय फैट की मात्रा अधिक होती है। यही फैट ब्लड वेसेल्स में जमा होने लगता है। इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
क्या है वजह: भोजन में ट्रांस और सैचुरेटेड फैट से युक्त चीज़ों जैसे घी, तेल, मक्खन, एल्कोहॉल और रेड मीट का अधिक मात्रा में सेवन।
ऐसे करें बचाव:
1. अपने भोजन में दालों, स्प्राउट्स, बींस और दलिया जैसी फाइबर युक्त चीज़ों को प्रमुखता से शामिल करें।
2. अंडे की ज़र्दी में अधिक मात्रा में बैड कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है, इसलिए केवल उसके सफेद हिस्से का सेवन करें।
3. बादाम, अखरोट और मछली खाना भी फायदेमंद होता है।
हाई ब्लडप्रेशर
जब हार्ट की ब्लड वेसेल्स सख़्त हो जाती हैं तो ब्लड की पंपिंग करने के लिए उसे बहुत ज्य़ादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसे हाई ब्लडप्रेशर कहा जाता है।
क्या है वजह: तनाव, एक्सरसाइज़ और शारीरिक गतिविधियों की कमी, जंक फूड का अधिक मात्रा में सेवन आदि।
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ऐसे करें बचाव एवं उपचार:
1. जंक और स्ट्रीट फूड से दूर रहें, नमक का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें।
2. क्रोध से बचें, नियमित एक्सरसाइज़ और मॉर्निंग वॉक करें।
3. योग और मेडिटेशन को भी दिनचर्या में शामिल करें।
4. नियमित रूप से बीपी की जांच करवाएं। किसी स्वस्थ व्यक्ति का बीपी 130/85 से अधिक नहीं होना चाहिए। इस निर्धारित सीमा से अधिक ब्लडप्रेशर होने पर डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से दवाएं लें।