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कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर नहीं है प्लाज्मा थेरेपी, जानें इसके बारे में सबकुछ

विशेषज्ञों की मानें तो जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होता है तो शरीर में वायरस से लड़ने के लिए रक्त में एंटीबॉडी बनाता है। एंटीबॉडी वायरस के संक्रमण को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 06:45 PM (IST)
कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर नहीं है प्लाज्मा थेरेपी, जानें इसके बारे में सबकुछ
कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान भी प्लाज्मा थेरेपी पद्धति के जरिए इलाज किया गया था।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से संक्रमितों की संख्या में कमी देखी गई है। इसके चलते लोगों के दिलों में उम्मीद की किरण जाग उठी है। इस वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है। मरीजों का इलाज युद्धस्तर पर जारी है। इसके लिए प्लाज्मा थेरेपी समेत कई अन्य तकनीक को अपनाया जा रहा है।

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इससे पहले भी कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान भी प्लाज्मा थेरेपी पद्धति को अपनाया गया था। उस समय यह तकनीक प्रभावी था, लेकिन दूसरी लहर में प्लाज्मा थेरेपी कारगर नहीं है। इस बात की पुष्टि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की बैठक से होती है। इस बैठक में प्लाज्मा थेरेपी तकनीक पर विशेष वार्ता की गई। ख़बरों की मानें तो कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान गाइडलाइंस से प्लाज्मा थेरेपी को हटाया जा सकता है। फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। आइए, प्लाज्मा थेरेपी के बारे में सबकुछ जानते हैं-

प्लाज्मा थेरेपी क्या है

विशेषज्ञों की मानें तो जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होता है, तो शरीर में वायरस से लड़ने के लिए रक्त में एंटीबॉडी बनाता है। एंटीबॉडी वायरस के संक्रमण को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाती है। कई मामलों में ऐसा देखा जाता है कि शरीर में एंटीबॉडी बनने के बाद वायरस नष्ट हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति जब स्वस्थ हो जाता है, तो व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी बनती है। कोरोना निगेटिव आने के 15 दिनों बाद व्यक्ति रक्त दान यानी प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। एंटीबॉडी के रक्त के प्लाज्मा की मदद से संक्रमित व्यक्ति का इलाज किया जाता है।

आपको बता दें कि आइसीएमआर सहित कई संस्थानों के ट्रायल में यह साबित हो चुकी है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में प्लाज्मा थेरेपी प्रभावी नहीं है। साथ ही इसका अनुचित तरीके से यूज किया जाता है। इसके लिए प्लाजा थेरेपी को चिकित्सा गाइडलाइन से हटाने की बात की जा रही है। हालांकि, मामूली लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों पर यह प्रभावी है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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