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Ovary Health: ओवरी से जुड़ी ऐसी 4 बातें, जो महिलाओं को ज़रूर जाननी चाहिए!

Ovary Health जिस समय आपकी ओवरीज़ अंडे बना रही होती हैं उस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। अगर आप स्ट्रेस में हैं तो इस प्रक्रिया पर भी इसका बहुत असर पड़ता है। मतलब अगर आप वाकई बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं तो आपकी ओवरीज़ अंडे बनाना बंद कर देंगी।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 06:12 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:12 PM (IST)
Ovary Health: ओवरी से जुड़ी ऐसी 4 बातें, जो महिलाओं को ज़रूर जाननी चाहिए!
ओवरी से जुड़ी ऐसी 4 बातें, जो महिलाओं को ज़रूर जाननी चाहिए!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ovary Health: हम में से ज़्यादातर लोगों को अपने फेफड़ों, लिवर और दिल के बारे में तो अच्छी जानकारी रहती है, लेकिन सेक्सुअल हेल्थ एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में शायद सभी न जानते हों। सेक्सुअल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिसके बारे में बात करने से खासकर महिलाएं अक्सर झिझकती हैं। इसी वजह से कई ऐसी ज़रूरी बातें हैं जिनसे वह अंजान रहती हैं। जानकारियों के अभाव का नतीजा यह निकलता है कि उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

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ऐसा ही एक अंग है ओवरी, जिसके बारे में शायद ही हमें ज्यादा पता हो। यह शरीर का वही अंग है जहां पर औरत को मां बना सकने वाले अंडे बनते हैं। अंडे वही, जो स्पर्म (शुक्राणु) के साथ मिलकर बच्चा बना सकते हैं। ओवरी से जुड़ीं कुछ ज़रूरी बातें आपको पता होनी चाहिए। इसलिए आज हम आपको महिलाओं के अंडाशय यानी ओवरी के बारे में ज़रूरी बातें बताएंगे।

ओवरी पर भी पड़ता है स्ट्रेस का असर

जिस समय आपकी ओवरीज़ अंडे बना रही होती हैं उस प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। अगर आप स्ट्रेस में हैं तो इस प्रक्रिया पर भी इसका बहुत असर पड़ता है। मतलब अगर आप वाकई बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं, तो आपकी ओवरीज़ अंडे बनाना बंद कर देंगी।

अक्सर खतरनाक नहीं होते ओवेरियन सिस्ट

ओवरी में सिस्ट होना काफी आम है। सिस्ट का मतलब ओवरी में गांठ हो जाती हैं। अधिकतर मामलों में सिस्ट खतरनाक नहीं होता। इसे ठीक करने के लिए सर्जरी और दवाइयां हैं। इनमें से कई सिस्ट तीन से चार महीनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसलिए घबराने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि आप डॉक्टर से सलाह न करें। डॉक्टर को दिखाना हमेशा फायदेमंद होता है।

बदलता रहता है ओवरी का साइज़ 

शरीर के ज़्यादातर अंग उम्र के साथ एक साइज़ पर आकर रुक जाते हैं, लेकिन ओवरीज़ हमेशा बदलती रहती हैं। ये उम्र के साथ और पीरियड्स के दौरान साइज़ में बदलती रहती हैं। जब ये अंडा बना रही होती हैं तो ये आकार में लगभग पांच सेंटीमीटर बढ़ जाती हैं। वहीं अगर ओवरी में सिस्ट यानी गांठ हो जाए तब भी इसके आकार में फर्क आता है। हालांकि, ओवरी का साइज़ बढ़ना कम होना कोई घबराने वाली बात नहीं है। मेनोपॉज़ के साथ ही इसका आकार बदलना बंद हो जाता है और उल्टा सिकुड़ जाती हैं।

बर्थ कंट्रोल पिल्स से है खास रिश्ता

आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन डॉक्टरों की माने तो बर्थ कंट्रोल पिल्स ओवरीज़ का बड़ा फ़ायदा करती हैं। जी ये बिल्कुल सच है। लेकिन ध्यान दें कि यहां हम इमरजेंसी पिल्स की बात नहीं कर रहे, हम बात कर रहे हैं गर्भनिरोधक गोलियों की। उनको लेने से ओवेरियन कैंसर होने का रिस्क काफी कम हो जाता है।


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