ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारगर आयुर्वेदिक उपचार
ऑस्टियोआर्थराइटिस जोडों की बीमारी है। इस हालत में किसी भी गतिविधि के बाद या आराम की लंबी अवधि के बाद जोड़ों का लचिलापन कम हो जाता है और वो सख्त हो जाते हैं, इनमें दर्द रहता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस जोडों की बीमारी है। इसका मतलब है, कि हमारे शरीर के निचले हिस्से की हड्डियों को सपोर्ट देने वाले सुरक्षात्मक कार्टिलेज और कोमल ऊतकों का किसी कारणवश टूटना शुरू होना है। इस हालत में किसी भी गतिविधि के बाद या आराम की लंबी अवधि के बाद जोड़ों का लचिलापन कम हो जाता है और वो सख्त हो जाते हैं, और इनमें दर्द रहता है। वैसे तो ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए एलोपैथिक उपचार है लेकिन इनके अलावा, कुछ आयुर्वेदिक इलाज भी मौजूद हैं।
लक्षण
हड्डियों में दर्द और तकलीफ
घुटने और एड़ियां होती हैं प्रभावित।
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
मालिश करना है फायदेमंद
दशमूल तेल, निर्गुन्डी तेल, महानारायण तेल, महामाष तेल, तिल का तेल इसके लिए फायदेमंद होता है। इससे बल्ड और नसों का सर्कुलशन बढ़ता है। दर्द कम होता है। अकड़न कम होती है। मांसपेशियों को आराम मिलता है।ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारगर आयुर्वेदिक उपचार
1 चम्मच घी, दूध या गुनगुने पानी से लें।
काढ़ा
दशमूल काढ़ा
देवदारु काढ़ा
एरंडमूल काढ़ा
चूर्ण
अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ लें।
दर्द
एरंड का रस
निर्गुन्डी का रस
लहसुन का रस
दशांग लेप
शुंठी चूर्ण
कोटम्चुक्यदि चूर्ण
रास्नादि चूर्ण
शहद के साथ चूर्ण
दालचीनी का चूर्ण
बबूल का चूर्ण
हल्दी का चूर्ण
अजमोदादि चूर्ण खली पेट लें।
मेथी का पानी
तिल का पानी
पंचकर्मा
अभ्यन्गम
स्वेदन
विरेचन
वस्ति
जानुवस्ति
पिज़्हिचिल
पिड स्वेद आदि।
योगासन
मत्स्येन्द्र आसन
पश्चिमोत्तानासन
गोमुख आसन
भद्रासन
साइकिल चलाना
स्विमिंग
क्या करें
गुनगुना पानी पिएं।
धूप लें।
वजन कम करें।
घर का खाना खाएं।
गाय का घी, गाय का दूध, ऑलिव ऑयल, तिल का तेल,मछली का तेल,गेहूं, लाल चावल, अखरोट, मुनक्का
किशमिश, सेब,अनार,आम, इमली
क्या न करें
तैलीय खाना, मसालेदार खाना, ठंडा खाना, बासी खाना, अधिक व्यायाम, ओवर ईटिंग, दिन में सोना, रात में जागना, जामुन, सुपारी, अरहर की दाल, मूंग की दाल।