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जानें, कोरोना से ठीक होने के बावजूद 10 में से 1 मरीज़ को क्यों लौटना पड़ता है अस्पताल

इस शोध के जरिए चिकित्सकों को यह पता चल सकता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को कब और कितनी बार अस्पताल आना पड़ सकता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 04:26 PM (IST)
जानें, कोरोना से ठीक होने के बावजूद 10 में से 1 मरीज़ को क्यों लौटना पड़ता है अस्पताल
जानें, कोरोना से ठीक होने के बावजूद 10 में से 1 मरीज़ को क्यों लौटना पड़ता है अस्पताल

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया चपेट में है। इस वायरस को हराने की पूरी कोशिश की जा रही है। जबकि उपचार युद्धस्तर पर चल रहा है। इस दौरान एक चौकाने वाली खबर यह है कि Covid-19 से ठीक होने के बावजूद 10 में से 1 मरीज़ को किसी न किसी वजह से एक सप्ताह के भीतर अस्पताल वापस आना पड़ता है।

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journal Academic Emergency Medicine में छपी एक रिसर्च के अनुसार, Philadelphia क्षेत्र के Covid-19 से संक्रमित मरीजों को बुखार और ऑक्सीजन की कमी की वजह से दोबारा अस्पताल आना पड़ा है। ज्यादातर मामले ऑक्सीजन की कमी के हैं। यह रिसर्च शुरुआत के तीन महीने (यानी मार्च से लेकर मई के बीच) में Covid-19 की वजह से आपातकाल विभाग में भर्ती हुए 1400 लोगों पर किया गया है।

इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए शोध के प्रमुख ऑस्टिन किलारु ( Austin Kilaru) ने कहा कि हम आशा करते हैं कि इस शोध से आपातकाल विभाग में उपचार कर रहे चिकित्स्कों को सहायता मिलेगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि उपचार करने वालों के लिए यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि यह जाने बिना कि संक्रमित व्यक्ति दोबारा बीमार पड़ सकता है, उसे घर भेजना कितना सही है।

इस शोध के जरिए चिकित्सकों को यह भी पता चल सकता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को कब और कितनी बार अस्पताल आना पड़ सकता है। साथ ही किन कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। उस पर भी ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की गई है।

शोधकर्ताओं ने 1,419 रोगियों पर शोध किया जो 1 मार्च और 28 मई, 2020 के बीच किसी कारणवश आपातकालीन विभाग (ईडी) में भर्ती हुए थे और इस दौरान वे COVID-19 पॉजिटिव भी पाए गए थे। हालांकि, उपचार के बाद उन्हें अस्पताल के आपातकाल विभाग से छुट्टी दे दी गई थी।

इस शोध के अनुसार, 4.7 प्रतिशत मरीजों को तीन दिन बाद दोबारा आना पड़ा। जबकि 3.9 प्रतिशत मरीज सात दिनों के भीतर दोबारा अस्पताल में भर्ती हुए। इस शोध से पता चलता है कि तकरीबन 8.6 प्रतिशत मरीज वापस अस्पताल आए थे। इस बारे में ऑस्टिन का कहना है कि ऐसा नहीं है कि चिकित्स्कों ने मरीजों को घर भेजकर कुछ गलत किया है, बल्कि COVID-19 पर गंभीरता से संज्ञान और रिसर्च की जरूरत है।


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