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Coronavirus and Antibodies: कोरोना से रिकवर होने के कितने दिनों तक बॉडी में एंटीबॉडी रहती है, रिसर्च में हुआ खुलासा

Coronavirus and Antibodies कोविड-19 के हल्के लक्षणों से उबरने के महीनों बाद भी लोगों के पास कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पैदा करने वाले इम्यून सेल्स मौजूद रहते हैं। अध्ययन के मुताबिक ऐसी कोशिकाएं जीवन भर इंसान के शरीर में बनी रह सकती हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 02:04 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 02:04 PM (IST)
Coronavirus and Antibodies: कोरोना से रिकवर होने के कितने दिनों तक बॉडी में एंटीबॉडी रहती है, रिसर्च में हुआ खुलासा
संक्रमण के बाद एंटीबॉडीज लेवल का नीचे जाना सामान्य है, लेकिन इतना भी कम नहीं होता की जीरो हो जाए।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस से बचाव करने के लिए देश और दुनिया में लोगों को वैक्सीनेट किया जा रहा है ताकि लोगों की इम्यूनिटी स्ट्रॉंग हो जाए और इस बीमारी से निजात मिल सके। कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों में एंटीबॉडी कितने दिनों तक बनी रहती हैं इस पर लगातार रिसर्च चल रही हैं। हाल ही में एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के हल्के लक्षणों से उबरने के महीनों बाद भी लोगों के पास कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पैदा करने वाले इम्यून सेल्स मौजूद रहते हैं। अध्ययन के मुताबिक ऐसी कोशिकाएं जीवन भर इंसान के शरीर में बनी रह सकती हैं। सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के नतीजे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित किए गए हैं।

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गंभीर संक्रमण के बाद एंटीबॉडी का लेवल:

लेखक अली एलेबेडी, पीएचडी, पैथोलॉजी और इम्यूनोलॉजी, मेडिसिन और मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, जिन्होंने कहा है कि पहले ऐसी खबरें सामने आ रहीं थी कि एंटीबॉडी वायरस के संक्रमण के बाद जल्दी से कम हो जाती हैं, जो कोविड-19 का कारण बनती है। लेकिन मुख्यधारा की मीडिया ने यह व्याख्या की है इसका मतलब यह नहीं है कि इम्यूनिटी लंबे समय तक नहीं रह सकती। ये डेटा की गलत व्याख्या थी। गंभीर संक्रमण के बाद एंटीबॉडीज लेवल का नीचे जाना सामान्य है, लेकिन इतना भी नहीं कि यह जीरो हो जाए।

अली एलेबेडी ने बताया कि पहले लक्षण के 11 महीने बाद लोगों में एंटीबॉडी बनाने वाले सेल्स पाए गए जो इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि इम्यूनिटी लंबे समय तक रहती है। वायरस संक्रमण के दौरान एंटीबॉडी पैदा करने वाले इम्यून सेल्स तेजी से कई गुणा बढ़ते हैं और ब्लड में प्रसारित होते हैं, जिससे एंटीबॉडी का लेवल ऊंचा हो जाता है।

तीव्र संक्रमण के बाद एंटीबॉडी का स्तर नीचे जाना सामान्य है, लेकिन वे शून्य से नीचे नहीं जाते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों में 11 महीनों बाद एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाएं मिलीं हैं। ये कोशिकाएं लंबे समय तक जीवित रहेंगी और बाकी जीवन के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करेंगी। यह लंबे समय तक इम्यूनिटी को मजबूत करेंगी। 

                     Written By: Shahina Noor


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