नए शोध में खुलासा, मोटापा से ग्रस्त लोगों में तेजी से बढ़ रही है मधुमेह
इस बात की पुष्टि एक नवीनतम शोध से होती है। इस शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि महामारी के दौरान न केवल लोग मोटापा के शिकार हुए हैं बल्कि मोटापे से पीड़ित लोगों में मधुमेह तेजी से बढ़ रही है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना महामारी से आम जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। लोगों की जीवनशैली में दीर्घकालीन बदलाव देखने को मिल रहा है। इस महामारी से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा है। खासकर पुरानी बीमारियों (मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और ह्रदय संबंधी बीमारियों) से पीड़ित लोगों पर ज्यादा असर पड़ा है। वहीं, लॉकडाउन के दौरान लंबे समय तक घरों में बंद रहने और वर्कआउट न करने के चलते मोटापा के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है। इससे मधुमेह के मरीजों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। इस बात की पुष्टि एक नवीनतम शोध से होती है। इस शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि महामारी के दौरान न केवल लोग मोटापा के शिकार हुए हैं, बल्कि मोटापे से पीड़ित लोगों में मधुमेह तेजी से बढ़ रही है। आसान शब्दों में कहें तो महामारी के दौरान जिन लोगों का वजन बढ़ा है। उनमें अधिकांश लोगों को डायबिटीज भी हुई है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
क्या कहती है शोध
लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में छपी एक शोध की मानें तो एनएचएस मधुमेह रोकथाम कार्यक्रम (NHS diabetes prevention programme) में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों ने नामांकन के दौरान वजन बढ़ने की शिकायत की है। महामारी से पहले नामांकन करने वालों लोगों का वजन वर्तमान समय की तुलना में औसतन 8 पाउंड कम रहा है। इससे स्पष्ट है कि मोटे आदमियों को डायबिटीज का खतरा अधिक है। इस शोध से यह भी पता चला कि 1 किलो वजन बढ़ने से डायबिटीज का खतरा 8 प्रतिशत बढ़ जाता है।
एक्सपर्ट की राय
साथ ही शोध में यह दावा किया गया है कि वर्तमान दर से डायबिटीज के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई, तो साल 2035 तक लगभग 39,000 लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है और 50,000 लोगों को स्ट्रोक यानी मस्तिष्काघात हो सकता है। इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए एनएचएस के राष्ट्रीय नैदानिक निदेशक और प्रोफेसर Jonathan Valabhji ने कहा कि वजन बढ़ने का मतलब डायबिटीज का खतरा बढ़ना भी है, जो कई अन्य बीमारियों-कैंसर, स्ट्रोक, अंधापन, हार्ट अटैक से जुड़ा है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।